संगठित सज्जनशक्ति के बल पर सामाजिक परिवर्तन का मार्ग होगा प्रशस्तः भागवत

वडोदरा, 07 अप्रैल (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा है कि पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी भाव का जागरण और अपने नागरिक कर्तव्यबोध के आधार पर समाज की सज्जनशक्ति संगठित होकर काम करे तो सामाजिक परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त होगा।

डॉ. भागवत ने दो दिवसीय गुजरात प्रवास के अंतिम दिन रविवार को वडोदरा में आयोजित प्रबुद्धजन गोष्ठी में कहा कि समाज में व्याप्त जाति-पाति के भेद को दूर करने के लिए सज्जन शक्ति का नेटवर्क बनाने जैसे विशेष प्रयोग करना चाहिए।

इस अवसर पर संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश जोशी उपाख्य भैयाजी जोशी ने कहा कि दुनिया की सबसे प्राचीन संस्कृति और परंपरा के वाहक हमलोग हैं। समय के साथ समाज जीवन में आए दोषों के कारण पैदा होने वाली समस्याओं का समाधान भी समाज की सज्जन शक्ति के प्रयास में निहित है।

गोष्ठी का आयोजन डॉ. हेडगेवार जन्मशताब्दी सेवा समिति (वडोदर) की ओर से किया गया। इस अवसर पर समाजजीवन के विभिन्न क्षेत्रों के प्रबुद्ध नागरिक मौजूद रहे।