नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश के सभी बैंकों या NBFC के कामकाज पर नजर रखता है। जब भी कोई बैंक आरबीआई के नियमों की अनदेखी कर अपनी मनमानी करता है तो केंद्रीय बैंक उस पर जुर्माना लगा सकता है। इसी कड़ी में भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ नियमों के उल्लंघन पर आईडीएफसी फर्स्ट बैंक पर 1 करोड़ रुपये और एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस पर 49.70 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
आरबीआई ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि ‘ऋण और अग्रिम – वैधानिक और अन्य प्रतिबंध’ पर कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए आईडीएफसी फर्स्ट बैंक पर जुर्माना लगाया गया है। आरबीआई ने एक अन्य बयान में कहा कि एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस पर जुर्माना आरबीआई द्वारा जारी ‘नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी – हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (रिजर्व बैंक) दिशानिर्देश, 2021’ के कुछ प्रावधानों का अनुपालन न करने के लिए लगाया गया है।
क्या ग्राहकों पर पड़ेगा असर?
दोनों ही मामलों में जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों के लिए लगाया गया है। इसका उद्देश्य संबंधित ग्राहकों के साथ किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता को प्रभावित करना नहीं है।
आरबीआई ने 4 एनबीएफसी के पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द कर दिए
इस बीच, आरबीआई ने 4 गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) कुंडल्स मोटर फाइनेंस, नित्या फाइनेंस, भाटिया हायर परचेज और जीवनज्योति डिपॉजिट्स एंड एडवांसेज का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (सीओआर) रद्द कर दिया है। इसके बाद ये कंपनियां एनबीएफसी कारोबार नहीं कर सकेंगी.
5 एनबीएफसी ने पंजीकरण प्रमाणपत्र लौटा दिए
वहीं, 5 अन्य एनबीएफसी – ग्रोइंग अपॉर्चुनिटी फाइनेंस (इंडिया), इनवेल कमर्शियल, मोहन फाइनेंस, सरस्वती प्रॉपर्टीज और क्विकर मार्केटिंग ने अपने पंजीकरण प्रमाणपत्र वापस कर दिए हैं।