मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जनजातीय समूह की ग्रामीण महिलाओं से मतदान के बारे में की बात

पाकुड़ , 5 अप्रैल (हि.स.)। मेरा तो गउना हो गया है, मैं कैसे यहां मतदान करूंगी? मेरी ससुराल दूसरे जगह पर है कुछ दिन बाद मेरे पति मुझे ससुराल ले जाएंगे। उक्त बातें पाकुड़ के फुलपहाड़ी क्षेत्र में रहने वाली जनजातीय समूह की मारनकुड़ी हांसदा ने कहीं। जब मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने अपने संताल भ्रमण के क्रम में मारनकुड़ी हांसदा से उनके मतदाता पहचान पत्र के बारे में पूछा।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी गुरुवार से ही संताल परगना क्षेत्र में परिभ्रमण कर सुदूरवर्ती मतदान केंद्रों की व्यवस्था एवं मतदाताओं के लिए उपलब्ध सुविधाओं का भौतिक निरीक्षण कर रहे है। संताल भ्रमण के क्रम में शुक्रवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी साहेबगंज, मंडरो, पाकुड़, फुलपहाड़ी स्थित मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया एवं यहां के आदिम जनजाति क्षेत्रों के मतदाता से मिलकर उनके क्षेत्रों में चल रही तैयारियों पर उनकी प्रतिक्रिया जानी।

भ्रमण के क्रम में अपनी सासू मां के साथ खरिहानी में कार्य कर रही फुलपहाड़ी की मारनकुड़ी हांसदा से जब मतदाता पहचान पत्र के बारे में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने पूछा तो हांसदा का कहना था कि अभी विवाह की कुछ रस्में शेष हैं, जिसके उपरांत वो यहां की हो जाएंगी (इस जनजाति में विवाह प्रथा में महिला एक वर्ष पूर्व ही अपने ससुराल में आ जाती है बाद में फिर सभी परिजनों को खान पान कराकर विवाह को सम्पूर्ण माना जाता है)।

इसके बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बीएलओ को वोटर हेल्पलाइन ऐप से इन मतदाताओं को जोड़ने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि यदि को नई बहु बीएलओ के क्षेत्र अंतर्गत आई हैं तो उनके मतदाता पहचान पत्र बनवाने के लिए आवेदन अवश्य ले लें।