आजकल मोटापा एक गंभीर समस्या बन गया है क्योंकि यह कई बीमारियों का कारण है। मोटापे के कारण मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दिल का दौरा और हृदय संबंधी समस्याएं जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार, मोटापा उच्च रक्तचाप और रक्त शर्करा जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। ये ऐसी समस्याएं हैं जो हृदय को बहुत नुकसान पहुंचा सकती हैं। ये इतनी खतरनाक हैं कि इनसे हृदय गति रुकना और हृदयाघात हो सकता है।
आज हम इस लेख के माध्यम से मोटापे और हार्ट फेलियर के बीच के संबंध को समझने की कोशिश करेंगे। हार्ट फेलियर तब होता है जब मांसपेशियों को उचित रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती। इसका मतलब है कि रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है। रक्त पूरे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है।
जब हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियां अवरुद्ध होने लगती हैं, तो वहां रक्त और ऑक्सीजन ठीक से नहीं पहुंच पाता, जिसके कारण हृदय गति रुक जाती है। जब किसी का वजन बढ़ने लगता है, तो उसकी मांसपेशियों में रक्त की आपूर्ति धीमी हो जाती है। या रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है।
कई बार मोटापे की वजह से नसों में कोलेस्ट्रॉल जमने लगता है। इसे निकालना बहुत मुश्किल हो जाता है। इससे हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। मोटापे की वजह से हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं होती हैं। इसे मेटाबॉलिक सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है।
जब किसी व्यक्ति का कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है तो ट्राइग्लिसराइड्स का खतरा भी बढ़ जाता है। यह हृदय रोग का सीधा संकेत है। मोटापे की वजह से कुछ लोगों को नींद न आने की समस्या होती है। मेडिकल भाषा में इसे स्लीप एप्निया कहते हैं।
मोटापे की वजह से कुछ लोगों को ज़ोर-ज़ोर से खर्राटे लेने की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से रात में कुछ सेकंड के लिए सांस भी रुक सकती है। इससे हार्ट फ़ेल होने का ख़तरा बढ़ जाता है।