लोकसभा चुनाव 2024: बिहार में एनडीए सीटों के बंटवारे में RLJP प्रमुख पशुपति पारस रहे खाली हाथ गठबंधन में उन्हें एक भी सीट नहीं मिली. तब खबरें थीं कि पशुपति पारस अब एनडीए से बगावत कर सकते हैं और इंडिया गठबंधन में शामिल हो सकते हैं, लेकिन अब पशुपति पारस ने साफ कह दिया है कि वह एनडीए के साथ ही रहेंगे. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘हमारी पार्टी आरएलजेपी एनडीए का अभिन्न अंग है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हमारे नेता हैं और उनका निर्णय हमारे लिए सर्वोपरि है. उनके नेतृत्व में एनडीए देशभर में 400 से ज्यादा सीटें जीतेगी और तीसरी बार रिकॉर्ड तोड़ बहुमत के साथ एनडीए सरकार बनाएगी.’
पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है
गौरतलब है कि एनडीए में एक भी सीट नहीं मिलने पर पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा, मेरे और मेरी पार्टी के साथ अन्याय हुआ है. हमें एक भी सीट नहीं दी गई.’ इस्तीफा देने से पहले पशुपति पारासे केंद्र सरकार में खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री थे. सीट बंटवारे में चिराग पासवान की एलजीपीआर को पांच लोकसभा सीटें मिलने से पशुपति पारस नाराज थे. उनकी सबसे बड़ी नाराज़गी ये थी कि पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई. साथ ही सीट बंटवारे की घोषणा से पहले उनसे बात तक नहीं की गई.
बिहार में एनडीए में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला क्या है?
बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सीट बंटवारे की तस्वीर साफ हो गई है। बिहार में बीजेपी 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. जेडीयू को 16 सीटें मिली हैं. अन्य सहयोगी दलों की बात करें तो चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को पांच सीटें, जीतन राम मांझी की हमा पार्टी को एक सीट और उपेन्द्र कुशवाह की राष्ट्रीय लोक जनता दल को भी एक सीट मिली है. लेकिन इसमें पशुपति पारस की आरएलजेपी को एक भी सीट नहीं दी गई है.
भारत के गठबंधन में शामिल होने की अटकलें
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पशुपति पारस ने एनडीए गठबंधन में सीट पाने के लिए काफी कोशिशें कीं. इसके लिए उन्होंने धमकी भरे अंदाज में कहा, ‘अगर उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया गया तो हमारी पार्टी स्वतंत्र है और हमारे दरवाजे खुले हैं. हम कहीं भी जाने के लिए तैयार रहेंगे।’ कहा जा रहा था कि सीट बंटवारे के फैसले के बाद पशुपति पारस भी इंडिया गठबंधन में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं.