दक्षिण चीन सागर को लेकर फिलीपींस और चीन के बीच दशकों पुराना विवाद गहराता जा रहा है। दक्षिण चीन सागर में फिलीपीन के जहाजों और चीन के तट रक्षकों के बीच छोटी-मोटी झड़पें हुई हैं। इसके बाद दोनों देशों के बीच जुबानी जंग छिड़ गई और दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया है.
चीन, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ताइवान और ब्रुनेई इस संसाधन-संपन्न और व्यस्त जलमार्ग पर अपना दावा करते हैं। अपनी हालिया फिलीपींस यात्रा के दौरान एस जयशंकर ने कहा कि दक्षिण चीन सागर विवाद में भारत फिलीपींस के साथ है. चीनी तट रक्षक के हमले के बाद फिलीपीन के राष्ट्रपति ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार विवादित दक्षिण चीन सागर में चीनी तट रक्षक और संदिग्ध मिलिशिया जहाजों के खतरनाक हमलों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। उन्होंने आगे लिखा, ”फिलीपीनी लोग झुकते नहीं हैं.”
राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस ने यह निर्दिष्ट नहीं किया है कि सरकार आने वाले हफ्तों में क्या कदम उठाएगी। लेकिन इस बात पर जोर दिया कि हम आने वाले हफ्तों में अपने दुश्मनों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
फिलिपिनो लोगों और चीनी तट रक्षक के बीच झड़प के बाद मार्कोस ने ट्विटर पर लिखा, ”चीनी तट रक्षक और चीनी समुद्री मिलिशिया के एजेंटों द्वारा किए गए ये हमले पूरी तरह से गलत हैं। हम इन खतरनाक हमलों का कड़ा जवाब देंगे।” उन्होंने आगे कहा कि हम किसी भी देश के साथ कोई संघर्ष नहीं चाहते, खासकर उन देशों के साथ जो हमारे दोस्त होने का दावा करते हैं, लेकिन हम चुप या दब्बू नहीं रहेंगे. फिलीपींस के लोग झुकेंगे नहीं।”
जयशंकर के दौरे के बाद दी धमकी
आपको बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर हाल ही में फिलीपीन दौरे पर गए थे. इस धमकी को जयशंकर के दौरे से भी जोड़कर देखा जा रहा है. राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस का यह बयान दौरे के बाद आया है. भारत का भी फिलीपींस की तरह एलएसी पर चीन के साथ विवाद चल रहा है, जहां चीनी सैनिक घुसपैठ करते रहते हैं।
चीन ने जवाब दिया
चीन के रक्षा मंत्रालय ने फिलीपींस पर उत्तेजक कदम उठाकर और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने के लिए गलत सूचना फैलाकर दक्षिण चीन सागर विवाद को बढ़ाने का आरोप लगाया है।