भारतीय क्रिकेट के लिए आज का दिन बेहद खास है, ये तीन महान हस्तियों के बीच असली जंग

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भारतीय टीम पाकिस्तान दौरे पर थी, सौरव गांगुली टीम के कप्तान थे. कई कोशिशों और सुरक्षा इंतजामों की गहन जांच के बाद भारतीय टीम को पाकिस्तान दौरे की इजाजत मिल गई. इसमें राजनीतिक इच्छाशक्ति भी शामिल थी. अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधान मंत्री थे और उन्होंने ही इस दौरे को अंतिम रूप देने में प्रमुख भूमिका निभाई थी। टीम के पाकिस्तान रवाना होने से पहले उन्होंने खिलाड़ियों से मुलाकात भी की. वैसे भारतीय टीम ने पाकिस्तान दौरे पर वनडे सीरीज भी शानदार ढंग से जीती थी. टेस्ट सीरीज 28 मार्च से शुरू होने वाली थी। पहला टेस्ट मैच मुल्तान में खेला गया था. उससे कुछ घंटे पहले 27 मार्च को खबर आई थी कि सौरव गांगुली पहले टेस्ट मैच में नहीं खेल पाएंगे. वनडे सीरीज के आखिरी मैच में सौरव गांगुली को हल्की चोट लग गई. इसी दर्द के कारण वह पहले टेस्ट मैच के लिए उपलब्ध नहीं थे.

राहुल द्रविड़ कप्तान थे

उस टेस्ट मैच की कप्तानी राहुल द्रविड़ कर रहे थे. भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. उस दौरे पर आकाश चोपड़ा भी भारतीय टीम का हिस्सा थे. उन्होंने और वीरेंद्र सहवाग ने भारतीय पारी की शुरुआत की। सहवाग फॉर्म में थे. वह अपने नैसर्गिक अंदाज में रन बना रहे थे. सहवाग और आकाश के बीच शतकीय साझेदारी हुई. आकाश चोपड़ा जब 42 रन बनाकर आउट हुए तब भारतीय टीम के स्कोरबोर्ड पर 160 रन जुड़े थे. इसके बाद राहुल द्रविड़ सिर्फ 6 रन बनाकर आउट हो गए. फिर सचिन तेंदुलकर क्रीज पर आए और इतिहास रचने लगे.

मुल्तान के सुल्तान सहवाग

अगले कुछ घंटों तक टेस्ट मैच देखने लायक था। एक तरफ वीरेंद्र सहवाग और दूसरी तरफ सचिन तेंदुलकर. सचिन अभी भी टेस्ट क्रिकेट की शैली में बल्लेबाजी कर रहे थे जबकि वीरेंद्र सहवाग लगातार बड़े शॉट खेल रहे थे. सहवाग ने महज 107 गेंदों में अपना शतक पूरा किया. फिर 150 गेंदों में 150 रन. वीरेंद्र सहवाग ने 222 गेंदों में अपना दोहरा शतक पूरा किया. इसके बाद जब उन्होंने 221 रन का आंकड़ा पार किया तो उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ पाकिस्तान में सबसे ज्यादा रन बनाने का संजय मांजरेकर का रिकॉर्ड तोड़ दिया. पहले दिन का खेल खत्म होने पर वीरू नाबाद लौटे. अगले दिन उन्होंने फिर उसी अंदाज में बैटिंग शुरू कर दी. उन्होंने 299 गेंदों में 250 रन पूरे किए. इस बीच सचिन ने 209 गेंदों में अपना शतक भी पूरा किया. सहवाग 294 रन तक पहुंचे. उस समय तक टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में किसी भी भारतीय बल्लेबाज ने तिहरा शतक नहीं लगाया था.

इतिहास में एक नाम

सहवाग ने सकलैन मुश्ताक की गेंद पर छक्का लगाकर यह मुकाम हासिल किया। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया. भारतीय टीम का स्कोर 500 रन के पार. आख़िरकार सहवाग 309 रन बनाकर आउट हुए. इसके बाद सचिन तेंदुलकर ने कमान संभाली. उन्होंने 295 गेंदों पर अपने 150 रन पूरे किये. उनका साथ दे रहे थे वीवीएस लक्ष्मण. रन आउट होने पर युवराज सिंह आये. उस टेस्ट मैच में सौरव गांगुली की जगह युवराज सिंह को शामिल किया गया था. इसी बीच सचिन भी धीरे-धीरे स्कोर 160-170 के पार करने लगे. जब युवराज सिंह 59 रन पर आउट हुए तो सचिन 194 रन पर थे और टीम का स्कोर 675 रन था. इसी स्कोर पर राहुल द्रविड़ ने पारी समाप्ति की घोषणा कर दी. हर कोई हैरान था. क्योंकि सचिन अपने दोहरे शतक से सिर्फ 6 रन दूर थे.

जब सचिन को आया गुस्सा

इसके बाद आमतौर पर शांत रहने वाले सचिन तेंदुलकर ने मुल्तान टेस्ट मैच में बात की. सभी क्रिकेट प्रशंसकों के मन में एक ही सवाल था कि आखिर कोई कप्तान ऐसा कैसे कर सकता है कि सचिन के दोहरे शतक से पहले सिर्फ 6 रन बनाए? जब सचिन बल्ला पकड़कर मैदान से बाहर आ रहे थे तो कमेंटेटर ने उनसे भी पूछा- क्या आप द्रविड़ के फैसले से निराश थे? सचिन खुद को रोक नहीं पाए और उन्होंने तुरंत कहा कि उन्होंने अपने करियर में ज्यादा दोहरे शतक नहीं लगाए हैं, इसलिए अच्छा होता अगर उन्हें दोहरा शतक बनाने का मौका मिलता। ये बड़ी खबर थी. वैसे भी सचिन का बोलना कभी छोटी खबर नहीं हो सकती. हर चैनल, हर अखबार में राहुल द्रविड़ की तस्वीर छपी जिसमें वह दर्शकों और पाठकों को हाथ के इशारे से सचिन को पवेलियन में बुला रहे हैं। ये सहवाग के तिहरे शतक जितनी बड़ी खबर बन गई.

राहुल द्रविड़ ने पारी घोषित कर दी

सचिन के पास पाकिस्तान में दोहरा शतक बनाने का मौका था जहां उनके क्रिकेट करियर की शुरुआत हुई थी। लेकिन कहते हैं कि एक खिलाड़ी के आगे बढ़ने के पीछे उसकी समझ और परिपक्वता छिपी होती है. अगले ही दिन राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर के बीच बातचीत हुई और विवाद शांत हो गया. शायद राहुल द्रविड़ को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने सचिन से खेद जताया. इसके बाद भारतीय टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ पारी के बड़े अंतर से जीत हासिल की, वीरू अपने तिहरे शतक से हीरो बन गए, जिससे लोग जल्द ही इस विवाद को भूल गए. भारतीय टीम अगला टेस्ट यानी टेस्ट सीरीज भी हार गई, जबरदस्त उत्साह देखने को मिला, लेकिन आखिरी टेस्ट जीतने के बाद भारत ने पाकिस्तान को टेस्ट सीरीज में भी 2-1 से हरा दिया. सौरव गांगुली की सफलता तेजी से बढ़ी है.