चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गनवार्डन को राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में श्रीलंका की मदद करने का आश्वासन दिया है। शी जिनपिंग ने कहा है कि चीन श्रीलंका की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए हमेशा उसके साथ खड़ा रहेगा।
चीन और श्रीलंका के बीच बैठक हुई
चीन और श्रीलंका बुधवार को बीजिंग में एक बैठक के दौरान अंतरराष्ट्रीय मामलों में दोस्ती, शांति और आपसी सम्मान के तहत काम करना जारी रखने पर सहमत हुए। साथ ही वे एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने पर भी सहमत हुए हैं।
श्रीलंका ने एक बयान जारी कर कहा है कि चीनी सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह श्रीलंका के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगी। चीन श्रीलंका की स्वतंत्रता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए हमेशा खड़ा रहेगा। चीनी राष्ट्रपति ने आश्वासन दिया है कि चीन श्रीलंका के विकास के लिए आवश्यक योजनाओं का समर्थन करेगा।
दोनों देशों के बीच 9 नए समझौतों पर हस्ताक्षर
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है, “चीन रबर चावल समझौते को आगे बढ़ाने के लिए श्रीलंका के साथ काम करने को इच्छुक है, जिसकी विशेषता राजनीतिक विश्वास को मजबूत करना, आत्मनिर्भरता और एकता का निर्माण करना है।” इससे पहले मंगलवार को श्रीलंकाई पीएम गनवार्डेन ने चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग से मुलाकात की थी. दोनों देशों ने 9 नए समझौतों पर हस्ताक्षर किए. फिलहाल इन समझौतों को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.
जब 2022 में श्रीलंका ने खुद को डिफॉल्टर घोषित किया, तो चीन श्रीलंका का सबसे बड़ा ऋणदाता था। श्रीलंका पर 40 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज़ था, जिसमें से 52 प्रतिशत अकेले चीन का था। इस आर्थिक गिरावट के बाद श्रीलंका ने जिस तरह से आर्थिक प्रगति की, उसके लिए चीन ने श्रीलंका की प्रशंसा की।