नई दिल्ली, 28 मार्च (हि.स.)। लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुधवार शाम दिल्ली के इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित एक रंगारंग कार्यक्रम में 56वीं राष्ट्रीय खो खो चैंपियनशिप का उद्घाटन किया।
भारतीय खो खो फेडरेशन के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल, सेक्रेटरी जनरल के एस त्यागी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संपर्क प्रमुख रामलाल और दिल्ली के सांसद और ऑर्गनाइजिंग कमिटी के उपाध्यक्ष रमेश बिधूड़ी के साथ कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुमित्रा महाजन ने 56वीं खो खो चैंपियनशिप का मस्कट ‘धाकड़’ का भी अनावरण किया।
इस अवसर पर उपस्थित खिलाड़ियों और कोचों को संबोधित करते हुए सुमित्रा महाजन ने कहा कि खो खो को खेलने वाली और इस खेल को बढ़ावा देने वाली आप सब की “दादी” आज आपके सामने हैं।
बता दें कि लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन अपने समय में खो खो की बेहतरीन खिलाड़ी रह चुकीं हैं। इनके सौजन्य से इंदौर में भारत का पहला खो खो स्टेडियम बनाया गया था।
उन्होंने कहा, “हम जब खेल में मेहनत करते थे, दूरदर्शन पर दूसरे खेलों को देखते थे तब लगता था कि हमारे भारतीय खेलों की बारी कब आएगी। हमारे खेलों को सिर्फ एक मैदान चाहिए और हमारे बच्चे इसे खेल सकते हैं। भारतीय खेल में प्रेम भाव होता है। चोट लगती है तो मिट्टी से प्रेम हो जाता है। जैसे जैसे हम शहर में आ गए खेलों के मैदान कम होते गए। हमे मैदान बचाना पड़ा। जब दूसरे की नजर हमारी मैदान पर पड़ती है तो हमे सतर्क होना पड़ता है।“
भारत सरकार के देशी खेलों को बढ़ावा देने की योजनाओं पर सुमित्रा महाजन ने कहा, “भारत सरकार ने भारतीय खेल को बढ़ावा देने के लिए खेलों इंडिया ने शुरू किया। इस कार्यक्रम के बाद विभिन्न खेलों में कई खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा दिखाया है। खो खो फेडरेशन के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल इस खेल को बढ़ावा देने में सबसे आगे हैं और उनके नेतृत्व में खो खो फेडरेशन एक नई राह पर चल पड़ी है। भारतीय खेल को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता है। हमे उम्मीद ही नहीं विश्वास है कि आने वाले समय में भारतीय खेल के रूप में खो खो दुनिया में अपनी पहचान मजबूत करेगा।“
भारतीय खो खो फेडरेशन के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने कहा कि दिल्ली देश भर से इतनी जबरदस्त भागीदारी के साथ 56वीं राष्ट्रीय खो खो चैंपियनशिप की मेजबानी करके हम रोमांचित हैं।
उन्होंने कहा, “खो खो सिर्फ एक खेल नहीं है, यह भारत के लोगों के लिए एक भावना है। यह एक सांस्कृतिक घटना है जो लोगों को एक सूत्र में जोड़ती है। हमें प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अपना कौशल दिखाने और खो खो खिलाड़ियों की अगली पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए एक मंच प्रदान करने पर गर्व है।“
रमेश बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली खो खो फेडरेशन के तत्वाधान में यह राष्ट्रीय चैंपियनशिप खिलाड़ियों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका है। उन्होंने खिलाड़ियों के मिट्टी से लेकर मैट की तक आने की बात को चरितार्थ करने के लिए खो खो फेडरेशन और सुधांशु मित्तल को धन्यवाद दिया।
आरएसएस के संपर्क प्रमुख राम लाल ने कहा कि जब से भारत की पहचान विदेशों में हुई है तब से भारत के खेलों की भी पहचान भी बनी है। आने वाले समय में खो खो दुनिया में अपनी पहचान बनाएगी। उन्होंने कहा कि खो खो खेल पूरे भारत की एकता का परिचायक है।
चैंपियनशिप के पहले मैच में दिल्ली ने हरियाणा को 4 पॉइंट्स से हराया।
इससे पहले विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और कई टीमों के खिलाड़ियों ने बैंड की धुनों पर रंगारंग मार्च पास्ट किया।
राष्ट्रीय चैंपियनशिप में देश भर के 37 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के तकरीबन 1300 से ज्यादा महिला और पुरुष खिलाड़ियों की 73 टीमों की रिकॉर्ड भागीदारी है। दिल्ली में पहली बार राष्ट्रीय खो खो चैंपियनशिप का आयोजन किया जा रहा है।