नई दिल्ली: कांग्रेस ने अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग बताते हुए इस पर चीन के दावे का न केवल कड़ा विरोध किया है बल्कि मोदी सरकार से तत्काल चीनी दावों का कठोरतम तरीके से खंडन करने का आहृवान किया है। पार्टी ने कहा है कि चीन के अर्नगल और हास्यास्पद दावे जगजाहिर हैं मगर इसका माकूल जवाब दिया जाना जरूरी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अरुणाचल के मुद्दे पर सरकार से माकूल जवाब की अपेक्षा करते हुए यह भी कहा है कि दलगत राजनीति से परे हटकर भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में हम एक साथ हैं।
चीन के विदेशमंत्री के अरुणाचल प्रदेश को अपने क्षेत्र का हिस्सा बताए जाने की सोमवार को की गई टिप्पणी पर कड़ा बयान जारी करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि भारत के स्थानों का नाम बदलने तथा दूसरे देशों से संबंधित क्षेत्रों के नक्शे दोबारा बनाकर बेतुके दावे करने में चीन का रिकॉर्ड जगजाहिर है। अरुणाचल के सवाल पर भारत में राजनीतिक एकजुटता का चीन को संदेश देते हुए खरगे ने कहा कि हम दलगत राजनीति से परे हटकर देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में एक साथ हैं।
अरुणाचल मामले में एकजुटता का संदेश देने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने चीन को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि चीन की हठधर्मिता के लिए पीएम मोदी का ‘लाल आंख’ दिखाने जैसी कार्रवाई नहीं करना जिम्मेदार है। साथ ही यह आरोप भी लगाया कि 19 जून 2020 को गलवन घाटी की घटना जिसमें 20 भारतीय बहादुर सैनिकों ने राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी उसकी अनदेखी कर पीएम मोदी का चीन को क्लिन चिट देना भी इसके लिए जिम्मेदार है।
खरगे ने कहा कि चाहे वह अरुणाचल प्रदेश के करीब सीमा पर गांवों का निर्माण करना हो या फिर सीमा के पास रहने वाले हमारे नागरिकों का अपहरण करना हो- मोदी सरकार की ‘प्लीज चाइना पॉलिसी’ ने अरुणाचल में हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि लद्दाख के अलावा अरुणाचल प्रदेश में भी ‘मोदी की चीनी गारंटी’ का राग अलापा जा रहा है। बावजूद हमें अब भी उम्मीद है कि मोदी सरकार को चीनियों को उनके दयनीय दावों का कड़ा जवाब देगी। खरगे ने कहा कि हम अपनी सीमाओं पर शांति और अमन चाहते हैं।