अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया है. उन्होंने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे को बेतुका और हास्यास्पद बताया और कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है. जयशंकर के इस बयान पर अब चीन ने भी प्रतिक्रिया दी है.
जयशंकर ने सिंगापुर में नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशिया स्टडीज को संबोधित करते हुए कहा, यह कोई नई बात नहीं है। चीन हमेशा से ऐसे दावे करता रहा है. ये दावे पहले भी बकवास थे और आज भी बकवास हैं.
तीन दिवसीय दौरे पर सिंगापुर पहुंचे जयशंकर ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है. हम इस बारे में बहुत स्पष्ट हैं. यह होने वाली सीमा वार्ता का हिस्सा होगा।’
चीन ने क्या कहा?
जयशंकर के इस बयान पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि चीन और भारत के बीच सीमा का कभी भी परिसीमन नहीं किया गया है और इसे पूर्वी सेक्टर, मध्य सेक्टर, पश्चिमी सेक्टर और सिक्किम सेक्टर में विभाजित किया गया है। पूर्वी क्षेत्र में ज़ंगनान चीन का क्षेत्र रहा है। यह एक बुनियादी तथ्य है जिसे नकारा नहीं जा सकता.
चीन का कहना है कि भारत ने 1987 में अवैध रूप से कब्जे वाले चीनी क्षेत्रों पर अरुणाचल प्रदेश का निर्माण किया। इसके बाद चीन ने एक बयान जारी कर इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि भारत का यह कदम अवैध और अमान्य है। इससे चीन का रवैया नहीं बदलेगा.
अरुणाचल को लेकर अमेरिका ने भी चीन को झटका दिया
अमेरिका ने हाल ही में कहा था कि वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर क्षेत्रीय दावे के प्रयासों का कड़ा विरोध करता है। अमेरिका ने कहा कि वह अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा मानता है. हम वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सेना या किसी भी नागरिक द्वारा घुसपैठ या अतिक्रमण के किसी भी एकतरफा प्रयास की कड़ी निंदा करते हैं।
चीन ने पीएम मोदी के अरुणाचल दौरे का विरोध किया था
पीएम मोदी ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था. इस यात्रा को लेकर चीन ने भारत के खिलाफ कूटनीतिक विरोध दर्ज कराया था. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि इससे भारत-चीन सीमा विवाद और बढ़ेगा. वेनबिन ने कहा कि भारत को चीन के झांगनान को विकसित करने का कोई अधिकार नहीं है.
चीन के इस विरोध का भारत ने भी करारा जवाब दिया. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और रहेगा।