रांची, 23 मार्च (हि.स.)। सोरेन परिवार और पार्टी से नाता तोड़कर शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन भगवा रंग में रंग चुकी हैं। अब भाजपाई हो चुकी हैं। इनके लिए इस बार की होली बेहद खास हो गई है। उन्होंने उस दहलीज को लांघा है, जिसकी हिमाकत आज तक परिवार का कोई सदस्य नहीं कर पाया। कल तक जिनके आंगन में रंग-गुलाल उड़ाने और सेल्फी लेने वालों का तांता लगा रहता था, वहां सन्नाटा पसरा है।
पहली बार कल्पना सोरेन की होली फीकी होगी। पहली बार इस त्योहार में उनके साथ पति हेमंत सोरेन नहीं होंगे। पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन बड़ी संख्या में महिलाएं कल्पना सोरेन से मिलने गईं थी। उनके आवास पर सभी ने एक दूसरों को गुलाल लगाया था लेकिन कल्पना सोरेन रंग से दूर रहीं। महिलाओं के साथ मुस्कुराती तस्वीर साझा करते हुए एक्स पर अपने मन की बात लिखी। उनका संदेश था कि “नारी तू अबला नहीं, स्वयं को पहचान, अपने हक को लड़ स्वयं, तब होगा उत्थान”। अब वह लड़ रही हैं।
लैंड स्कैम मामले में हेमंत सोरेन बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में हैं। उनके जीवन की यह पहली होली होगी, जब वह अपनों से दूर होंगे। क्योंकि, जेल मैन्युअल के हिसाब से केंद्रीय कारा में कैदियों के लिए हर त्योहार को मनाने की अलग से व्यवस्था होती है। विशेष भोजन का भी ख्याल रखा जाता है ताकि घर परिवार को कोई मिस ना करे।
इसमें कोई शक नहीं कि हेमंत सोरेन की छवि एक मिलनसार नेता के रूप में है। आम लोगों के बीच पिछले साल बजट सत्र के दौरान विधानसभा में आयोजित होली मिलन समारोह की चर्चा है, जब मुख्यमंत्री रहते हेमंत सोरन ने कहा था कि पूरे वातावरण में खुशहाली का एक माहौल खड़ा हो रहा है। संभव है कि इस बार उनका संदेश उनकी पत्नी कल्पना सोरेन के जरिए राज्यवासियों तक पहुंचे।