भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पुष्पक नामक अपने पहले पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान (रॉकेट) के लैंडिंग मिशन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। परीक्षण शुक्रवार सुबह 10 बजे कर्नाटक के चित्रदुर्ग के पास चल्लकेरे स्थित एयरोनॉटिकल रेंज में हुआ। यह श्रोणि का एक और परीक्षण है। प्रक्षेपण स्थल पर इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। परीक्षण के बाद इसरो ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि, ‘इसरो ने एक बार फिर एक उपलब्धि हासिल की है, पुष्पक प्रक्षेपण यान, एक पंख वाला वाहन, ऊंचाई से छोड़े जाने के बाद स्वतंत्र रूप से उतरा।’ इसरो ने कहा कि आरएलवी लेक्स-02 लैंडिंग प्रयोग के माध्यम से विकसित पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान एक बड़ी तकनीकी सफलता है।
इस प्रकार आरएलवी की स्वतंत्र रूप से उतरने की क्षमता का परीक्षण किया गया। वाहन को पूरी तरह से स्वायत्त मोड में रनवे पर उतरने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
पुष्पक से अंतरिक्ष तक पहुंच सस्ती हो जाएगी। इसके ऊपर सबसे महंगे उपकरण रखे गए हैं। चूंकि यह यान पुन: प्रयोज्य है, अत: इससे अंतरिक्ष में मलबा नहीं बनेगा। इससे अंतरिक्ष में किसी उपग्रह में ईंधन भरने या किसी उपग्रह को मरम्मत के लिए वापस लाने में भी मदद मिलेगी। पुष्पक विमान में आधुनिक नेविगेशन, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, बैंड रडार – अल्टीमीटर, सेंसर, स्वदेशी लैंडिंग गियर और एयरोफॉइल हनीकॉम्ब विंग्स आदि का उपयोग किया जाता है।