चंद्र ग्रहण की छाया में मनाई जाएगी होली, इस दौरान गर्भवती महिलाएं न करें ये गलतियां

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हिंदू धर्म में चंद्र और सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व होता है। इस साल होली के मौके पर पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। हालांकि, यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक नहीं लगेगा। यह चंद्र ग्रहण केतु की उपस्थिति के कारण लग रहा है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, इस दिन चंद्रमा कन्या राशि में रहेगा। इसके परिणामस्वरूप केतु और चंद्रमा की युति होगी, जिसका प्रभाव बारह राशियों पर किसी न किसी रूप में पड़ सकता है। चंद्र ग्रहण का प्रभाव एक महीने तक रहता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी शुभ कार्य में भाग लेने से बचना चाहिए। ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा की मौजूदगी बढ़ जाती है। इसका गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले बच्चे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है।

हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण के दिन को बेहद अशुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दौरान जितना हो सके पूजा-पाठ और पुण्य कार्य करने चाहिए। साल 2024 का पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च को पड़ रहा है, जो फाल्गुन पूर्णिमा के दिन पड़ रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इसके लिए कई नियम बताए गए हैं। साथ ही गर्भवती महिलाओं को भी पालन करने के लिए जरूरी निर्देश दिए गए हैं।

2024 में चंद्र ग्रहण का सही समय:

हिंदू पंचांग के अनुसार, साल का पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च 2024 को फाल्गुन पूर्णिमा के दिन लगेगा। उल्लेखनीय है कि चंद्र ग्रहण की अवधि सुबह 10:24 बजे से दोपहर 3:01 बजे तक रहेगी। इस दौरान वैदिक मंत्रों का जाप करने की सलाह दी जाती है।

चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानियां:

गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के दौरान घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि नकारात्मक ऊर्जा अजन्मे बच्चे को प्रभावित कर सकती है।

चंद्र ग्रहण के दौरान चाकू या कैंची जैसी नुकीली वस्तुओं का उपयोग करने से बचें।

इस दौरान किसी भी तरह के खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचना चाहिए। हालांकि, गर्भवती महिलाएं यदि आवश्यक हो तो फल, जूस आदि का सेवन कर सकती हैं।

ग्रहण के दौरान नकारात्मक किरणों के प्रवेश को रोकने के लिए घर की खिड़कियों को मोटे पर्दों से ढक दें।

ग्रहण से पहले बना हुआ भोजन न खाएं। ग्रहण समाप्त होने के बाद पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

इस दौरान गर्भवती महिलाओं को भगवान शिव और भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए। ग्रहण के दौरान सोने से बचें। खाने-पीने की सभी चीजों में तुलसी के पत्ते रखें।