वाराणसी,21 मार्च (हि.स.)। रंगभरी एकादशी पर बुधवार की देर शाम तक श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ कुलपति तिवारी के आवास के आंगन संगीत और संस्कार के रंग बिखरे। शिव की लौकिक लीलाओं के प्रति अगाध स्नेह राग नटभैरव के माध्यम से महादेव तक ‘शिवांजलि’ में पहुंचाया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम शिवांजलि का श्रीगणेश रुद्रनाद बैंड के शिव गीतों का आगाज ‘पार्वती संग सदा शिव खेल रहे होली, भूत, प्रेत बैताल करते ठिठोली…’ से बैंड के लीड सिंगर अमित त्रिवेदी ने किया। राग नट भैरव में निबद्ध उनकी रचना ‘योगी’ ने माहौल को योगेश्वर शिव की अनुभूतियों से भर दिया। ‘पीकर शिव के नाम का प्याला, मैं अलबेला मैं मतवाला…’ गीत अमित त्रिवेदी के नेतृत्व में जौनपुर के सौरभ शुक्ला, स्नेहा महर्षि आदि ने मिल कर जीवंत प्रस्तुति दी।
अभिषेक शर्मा ने कथक शैली में नृत्यमय वंदना की। भजन गायक चेतन स्वामी ने शिव की होली सुनाई। पुनीत ‘पागल बाबा’,अनुराधा सिंह, संजय दुबे सहित दर्जनों कलाकारों ने पूर्वाह्न 11 से शाम चार बजे तक सांगीतिक हाजिरी लगाई। सभी ने एक से बढ़कर एक भजनों के माध्यम से शिव पार्वती के लोक वर्णित स्वरूपों के दर्शन कराए। एएम. हर्ष के संयोजन में हुए शिवांजलि संगीत समारोह में महेंद्र प्रसन्ना द्वारा शहनाई की मंगलध्वनि भी हुई। महंत पुत्र पं. वाचस्पति तिवारी ने कलाकारों को आशीर्वाद एवं बाबा का स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया। स्वागत व्यवस्थापक संजीव रत्न मिश्र ने किया।