चुनाव से पहले बीजेपी की सहयोगी पार्टियां परेशान? चिराग पासवान तो खुश हैं लेकिन ये दोनों दिग्गज नेता खामोश

लोकसभा चुनाव 2024: लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के बिहार में पांच लोकसभा सीटें जीतने के बाद चिराग पासवान अपनी रणनीति को जीत मान रहे हैं. लेकिन असल में ऐसा नहीं है. चिराग के समर्थन में लिए गए फैसले से पशुपति पारस खुश नहीं हैं. इसके अलावा उसके राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा भी चुप्पी साधे हुए हैं. जहां तक ​​हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की बात है तो उनकी उम्मीदें भी पूरी नहीं हुई हैं.

चुनाव लड़ने की तैयारी में पशुपति पासर!

पशुपति पारस एनडीए गठबंधन में अपने और अपनी पार्टी के सांसदों से खुश नहीं हैं. आनन-फ़ानन में राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई गई. इस बैठक में पशुपति पारस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके और उन्होंने आज फिर संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई. हालांकि, बीजेपी रणनीतिकार के फैसले पर पशुपति पारस ने चुप्पी साध रखी है. लेकिन पार्टी प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने चिराग पासवान की उस घोषणा को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था, ‘पांच लोकसभा सीटें साझा की जाएंगी. क्या बीजेपी के किसी रणनीतिकार ने सार्वजनिक मंच से यह घोषणा की है कि चिराग पासवान क्या कह रहे हैं. क्या एनडीए की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये जानकारी दी गई है? फिर अकेले चिराग पासवान की घोषणा का कोई मतलब नहीं है. पशुपति पारस अभी भी हाजीपुर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.’

चुप क्यों रहे उपेन्द्र कुशवाहा?

राष्ट्रीय जनतांत्रिक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा की ओर से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी. वे चिराग पासवान की घोषणा को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. राष्ट्रीय जनतांत्रिक मोर्चा के सूत्रों की मानें तो उपेन्द्र कुशवाहा को कम से कम दो सीटें मिलने की उम्मीद थी. हालांकि, वह चिराग पासवान की घोषणा से सहमत नहीं हैं. पत्रकारों के सवालों का सामना न करें. अपने प्रवक्ताओं को कुछ न कहने की हिदायत देना कुछ और ही संकेत देता है कि वह भी इस सीट से खुश नहीं हैं. लेकिन उन्हें अब भी उम्मीद है. वैसे भी, उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए की प्रेस कॉन्फ्रेंस का इंतजार कर रहे हैं, जहां सीट शेयर का ऐलान होगा. वैसे ही उपेन्द्र कुशवाहा का स्वभाव प्रतिक्रियाशील है. वे एनडीए प्रतिनिधियों द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस का इंतजार कर रहे हैं. इसके बाद ही वह अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे.

हम भी असंतुष्ट हैं!

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा में भी कुछ तनाव है. पिछला लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर वह आश्वस्त हैं लेकिन बहुत खुश नहीं दिख रहे हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में संतोष सुमन ने कहा, ‘बीजेपी नेतृत्व जानता है कि मैं क्या चाहता हूं. मैं इसे सार्वजनिक नहीं कर सकता. हमारी पार्टी एनडीए में है और मजबूत है.’ सूत्रों के मुताबिक, जीतनराम मांझी ने एक और मंत्री पद मांगा था और इसके साथ ही एक घोषणा भी करना चाहते थे. प्रिंस पासवान के मंत्री बनने की बात सामने आने के बाद जीतनराम मांझी भी चाहते थे कि एक और मंत्री पद की घोषणा हो.

गुप्त रूप से निपटाया गया चिराग का मुद्दा गठबंधन की रणनीति नहीं है। इसलिए चिराग पासवान की घोषणा से पशुपति पारस, उपेन्द्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी आहत हैं, लेकिन वे चाहते हैं कि सीट बंटवारे की घोषणा एनडीए की प्रेस कॉन्फ्रेंस में की जाए ताकि कोई भ्रम न हो। खबरों के मुताबिक, एनडीए के सभी गुटों ने बीजेपी के रणनीतिकारों को अपने विचार बता दिए हैं. अब इस मुद्दे को एनडीए के दो प्रमुख गुटों यानी बीजेपी और जेडीयू के बीच सुलझाना है.