आणंद इलाके में 42 साल के हवस टीचर ने 17 साल की नाबालिग को भगाया

आणंद इलाके में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. अंकलाव में शिक्षा जगत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आने के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मचा हुआ है. यहां एक शिक्षक की हरकत से पूरा शिक्षा जगत शर्मसार हो गया है। इसके बारे में विस्तार से बात करें तो जयेंद्रसिंह सुरेंद्रसिंह नामक 42 वर्षीय शिक्षक ने एन्क्लेव में 17 वर्षीय लड़की का अपहरण कर लिया। 

अंकलाव तालुक के एक माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने वाली 17 वर्षीय लड़की के अपहरण का मामला सामने आया है। जानकारी सामने आ रही है कि लड़की का अपहरण 14 दिन पहले किया गया था. अंकलाव पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की. जब पुलिस ने लड़की को ढूंढा तो सारी सच्चाई सामने आ गई. फिलहाल पुलिस ने पीटी की पढ़ाई कराने वाले लालची शिक्षक जयेंद्रसिंह सुरेंद्रसिंह राज को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच कर रही है.

क्या कोई शादीशुदा व्यक्ति लिव इन रिलेशनशिप में रह सकता है या नहीं? हाई कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़े एक मामले की सुनवाई के बाद अपने फैसले में कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम के मुताबिक, अगर पति-पत्नी जीवित हैं और उनका तलाक नहीं हुआ है, तो उनमें से कोई भी दोबारा शादी नहीं कर सकता है.

कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कर दिया कि कानून के खिलाफ रिश्तों को कोर्ट द्वारा समर्थन नहीं दिया जा सकता. इस सख्त टिप्पणी के साथ हाई कोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही एक शादीशुदा महिला की याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने याचिका खारिज करने के साथ ही याचिकाकर्ताओं पर 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया

कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी

न्यायमूर्ति रेनू अग्रवाल ने कासगंज की विवाहिता व अन्य की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि कोई भी शादीशुदा महिला अपने पति को तलाक दिए बिना किसी और के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में नहीं रह सकती है. ऐसे रिश्तों को मान्यता देने से समाज में अराजकता फैलेगी और देश का सामाजिक ढांचा नष्ट हो जायेगा. परिणीता और उसके साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले उसके प्रेमी ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सुरक्षा की मांग की. इस याचिका में कहा गया था कि दोनों याचिकाकर्ता लिव-इन पार्टनर हैं. उन्होंने कासगंज जिले के एसपी से सुरक्षा की मांग की. कोई सुनवाई न होने पर यह याचिका दायर की गई।