जयपुर, 14 मार्च (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती, 2023 में प्रार्थी महिला अभ्यर्थी की ऊंचाई गलत रूप से कम नापने को गंभीर मानते हुए पुलिस विभाग पर एक लाख रुपये हर्जाना लगाया है। वहीं विभाग को निर्देश दिया है कि वह एक महीने में हर्जाना राशि प्रार्थिया को भुगतान करे। अदालत ने कहा कि एम्स जोधपुर के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट से साबित है कि प्रार्थिया की ऊंचाई 152.3 सेंटीमीटर है और पुलिस विभाग ने पीएसटी टेस्ट में प्रार्थिया की ऊंचाई 152 सेंटीमीटर से कम नापी थी। जिस पर प्रार्थिया ने रिस्क लेते हुए 25 हजार रुपये हर्जाने की शर्त पर अपनी ऊंचाई की दुबारा मेडिकल बोर्ड से नपवाया, जिसमें उसकी ऊंचाई ज्यादा आई है। ऐसे में प्रार्थिया को बिना किसी कारण चयन प्रक्रिया से वंचित किया और उसे बिना किसी कारण हाईकोर्ट आना पड़ा। इसलिए विभाग उसे हर्जाने के तौर पर एक लाख रुपये दे। जस्टिस जीआर मीना ने यह निर्देश हरियाणा की नारनौल तहसील निवासी सपना की याचिका पर दिया।
याचिका में अधिवक्ता आरपी सैनी व आमिर खान ने बताया कि प्रार्थिया ने कांस्टेबल भर्ती में सीआईडी जयपुर के लिए आवेदन किया था। 27 दिसंबर 2023 को उसका फिजिकल टेस्ट हुआ और उसकी ऊंचाई 152 सेंटीमीटर से कम नापी गई। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए प्रार्थिया ने हाईकोर्ट में अंडरटेकिंग दी कि उसकी ऊंचाई की नाप दुबारा कराई जाए और यदि उसकी ऊंचाई 152 सेंटीमीटर से कम आए तो वह हर्जाने के तौर पर 25 हजार रुपये जमा कराने के लिए तैयार है। प्रार्थिया की अंडरटेकिंग के बाद हाईकोर्ट ने एम्स जोधपुर के मेडिकल बोर्ड से उसकी ऊंचाई की नाप करवाने के लिए कहा। अदालत के निर्देश पर एम्स जोधपुर ने उसकी ऊंचाई 152.3 सेंटीमीटर नापते हुए हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की। जिस पर अदालत ने विभाग की गलती मानते हुए उस पर एक लाख रुपये हर्जाना लगाया है।