बोईसर-चिल्हार राजमार्ग पर हो रही दुर्घटनाओं के विरोध में जनसामर्थ्य आदिवासी संघटन ने जिला प्रशासन और एमआईडीसी के अधिकारियों का किया श्राद्ध

मुंबई,14 मार्च (हि.स.)। महाराष्ट्र के नामचीन बोईसर तारापुर औद्योगिक क्षेत्र को मुंबई-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाले बोईसर-चिल्हार राजमार्ग की दुर्व्यवस्था पर लोग भड़के हुए है। और राज्य सरकार से सवाल पूछ रहे है कि और कितनी जान दुर्घटनाओ में जाने के बाद जागोगे सरकार। सरकार के लापरवाह अधिकारियों को जगाने के लिए लोगों ने जनसामर्थ्य आदिवासी संघटन के नेतृत्व में एक दिवसीय प्रदर्शन कर, जिला प्रशासन और एमआईडीसी के अधिकारियों का श्राद्ध कर दिया। और लोगों को भोजन कराया। लोगोें ने कहा कि करीब 23 साल से राजमार्ग का कार्य जारी है। इस दौरान एक पूरी पीढ़ी जवान हो गई लेकिन राजमार्ग का कार्य पूरा नहीं हो सका। अधूरे पड़े इस चार लेन वाले राज मार्ग पर सुरक्षा नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिसकी वजह से हर रोज इस मार्ग पर दुर्घटनाएं हो रही है। और अब तक कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है। 2017 से लेकर 2023 तक ही इस मार्ग पर 70 सड़क दुर्घटना हुई।जिसमें50 लोगों की मौत हो चुकी है और कई तो जिंदगी भर के लिए हाथ पैर गंवा चुके है।

मांग नही मानी तो सरकार के खिलाफ करेगे चक्का जाम

प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे जनसामर्थ्य आदिवासी संघटन के प्रमुख महेश धोड़ी और ने कहा कि बोईसर-चिल्हार मार्ग की अनदेखी और अधिकारियों की लापरवाही के खिलाफ पिछले साल भी अनशन किया गया था और प्रशासन का आश्वाशन मिलने के बाद अनशन खत्म किया गया। लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। महेश धोड़ी ने आरोप लगाया कि एमआईडीसी अधिकारियों की मिलीभगत से कंपनियों ने मार्जिन स्पेज पर भी अवैध कब्जा कर लिया लिया। जिससे लोग लगातार हादसे का शिकार हो रहे है। अब तक इस राजमार्ग पर सैकड़ों लोगों की जान गई है। कई परिवार पूरी तरह उजड़ गए, लेकिन सरकार और उसके अधिकारी लापरवाह बने हुए है। खतरनाक मोड़ और दिशा बोर्ड का अभाव, स्ट्रीट लाइट की कमी के कारण बोईसर-चिल्हार राजमार्ग पर रोजाना दुर्घटनाएं हो रही है। धोडी ने कहा कि मांग नही मानी गई तो सड़क पर उतरकर सरकार और अधिकारियों के विरोध में चक्का जाम आंदोलन करेंगे। महेश धोड़ी ने दावा किया कि दुर्घटना में मृतकों और जख्मियों की संख्या कही अधिक है,जबकि कई दुर्घटनाओं की शिकायत ही दर्ज नहीं है।