धमतरी, 14 मार्च (हि.स.)। नशामुक्ति के लिए जिले के चिन्हांकित गांवों में जिला प्रशासन ने भारतमाता वाहिनी का गठन किया है, लेकिन वाहिनी से जुड़ी महिलाओं को वाद्ययंत्र समेत किसी तरह का सहयोग नहीं मिला है। अपने स्तर पर महिलाएं गांवों में नशामुक्ति अभियान चला रही है। गांव में रैली निकालने व जनजागरुकता के लिए उनके पास वाद्ययंत्रों की कमी है। भारतमाता वाहिनी से जुड़ी महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंचकर वाद्ययंत्रों की मांग कर रहे हैं।
ग्राम पंचायत बारना की महिला ललिता साहू, पुरैइन बाई यादव, रजमत बाई, बुधंतीन बाई पटेल, रूपलाल निर्मलकर 14 मार्च को कलेक्ट्रेट पहुंचे। महिलाओं ने बताया कि वे गांव में नशामुक्ति अभियान के लिए भारतमाता वाहिनी से जुड़ी है, लेकिन नशा के खिलाफ गांव में रैली निकालने व जनजागरूकता के लिए उनके पास वाद्ययंत्रों की कमी बनी हुई है। वर्तमान में शराब, सिगरेट व अन्य नशा के खिलाफ सामान्य रूप से रैली निकालते हैं। यदि शासन-प्रशासन से इन महिलाओं को वाद्ययंत्र वे आर्थिक सहयोग मिलें, तो बेहतर ढंग से नशामुक्ति के लिए कार्य करेंगे। महिलाओं ने शासन-प्रशासन से भारतमाता वाहिनी से जुड़ी महिलाओं को बाजा, पेटी व ड्रेसकोड की साड़ी उपलब्ध करा दें, तो गांव में समय-समय पर संगीत के साथ नशा के खिलाफ रैली निकालकर ग्रामीणों को जागरूक करने की बात कहीं है।
ग्राम बारना में शराब की अवैध बिक्री नहीं होती है। कुछ लोग नशा से जुड़े हैं, ऐसे लोगों को नशा से दूर रहने लगातार नशा के खिलाफ महिलाएं कार्य कर रही है। ग्रामीण महिलाओं ने शासन से शीघ्र ही सहयोग करने की मांग की है।नशामुक्त गांव बनाने के लिए शासन स्तर से चिन्हांकित पंचायतों में भारतमाता वाहिनी का गठन किया गया है। जिले में 30 से अधिक भारतमाता वाहिनी गठित है। इस तरह पूरे प्रदेशभर में दो हजार से ज्यादा भारतमाता वाहिनी क्रियाशील हैं, जो गांव की गलियों में रैली निकाल कर लोगों को नशामुक्त घर-परिवार और गांव बनाने के लिए मेहनत कर रही है।
लोगों को व्यसन के दुष्प्रभाव से जागरूक करने और व्यसन की प्रवृत्ति को रोकने के लिए धमतरी समेत पूरे प्रदेशभर में भारत माता वाहिनी का गठन किया गया है, लेकिन अभी तक उन्हें वाद्य यंत्र नहीं दिया गया है। वहीं नशा मुक्ति रैली निकालने के लिए कोई आर्थिक मदद भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में महिलाओं को खुद होकर कलेक्ट्रेट पहुंचकर गुहार लगाना पड़ रहा है।