देहरादून, 11 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री ने उपनल को देश में नवाचार के क्षेत्र में मॉडल के रूप में पहचान बनने की सलाह देते हुए उपलन के मुख्यालय भवन के लिये देहरादून में नि:शुल्क भूमि उपलब्ध कराने की घोषणा की। उन्होंने इस भवन को पर्वतीय शैली में आधुनिक सुविधा युक्त बनाने की बात कही।
सोमवार सायं डी.एस.ओ.आई. गढ़ी कैंट में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लि. के 20वें स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए यह बातें कही। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लि. (उपनल) द्वारा 25000 से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने और पिछले 20 वर्षों में पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिये उपनल ने एक संस्था के रूप में स्वयं को अपग्रेड करने का सराहनीय कार्य किया है।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने उपनल के अधिकारियों और कर्मचारियों को मिशन मोड में काम करते हुए अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करने के लिये उन्होंने शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी एक सैनिक के बेटे हैं। एक सैनिक परिवार में पले-बढ़े हैं। पूर्व सैनिकों एवं उनके परिवार की समस्याओं और चुनौतियों को उन्होंने नजदीक से देखा और समझा है, इसलिए जब हमारी सरकार आयी तो हमने पूर्व सैनिकों को दिया जाने वाला प्रोत्साहन भत्ता तीन महीने के स्थान पर हर महीने देने का निर्णय लिया है। इस फैसले से 25000 पूर्व सैनिकों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार 10 साल से कम अनुभव वाले पूर्व सैनिकों को लगभग 5000 हजार और 10 साल से अधिक अनुभव वाले पूर्व सैनिकों को लगभग 6000 हजार प्रति महीने की प्रोत्साहन राशि दे रही है। इसके साथ ही हमने सेना में परमवीर चक्र से लेकर मेन्सन इन डिस्पैच से अलंकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिकी राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के शहीदों की स्मृति में भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है। सैनिकों का सम्मान हमारे लिये सर्वोपरि है। प्रदेश के विभिन्न युद्धों व आंतरिक सुरक्षा में शहीद हुए सैनिकों की वीर नारियों एवं आश्रितों को उत्तराखण्ड शहीद कोष से एकमुश्त दस लाख का अनुग्रह अनुदान अनुमन्य किया गया है। सरकार द्वारा युद्ध विधवा एवं युद्ध अपंग सैनिकों को दो लाख की आवासीय सहायता भी प्रदान की जाती है। इसी प्रकार स्टाम्प ड्यूटी में छूट सुविधा प्रदान करने वालों में उत्तराखण्ड चुनिंदा राज्यों में से एक है, जहां सेवारत व पूर्व सैनिकों को 25 लाख मूल्य के स्थायी संपत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट अनुमन्य की गयी है। इस के साथ ही सैनिक विधवाओं की पुत्री और पूर्व सैनिकों की अनाथ पुत्रियों के विवाह के लिए एक लाख और सैनिक विधवाओं के पुनर्विवाह के लिए एक लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूर्व सैनिकों तथा सैनिक विधवाओं के बच्चों को कक्षा 01 से स्नातकोत्तर और व्यावसायिक शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। हमारी सरकार पूर्व सैनिकों के लिए पेट्रोल पंप और मेटेल चेन खोलने के प्रस्ताव पर भी काम कर रही है। इन सेंटरों को चलाने का पूरा काम पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के द्वारा किया जाएगा। जिसमें एक सेंटर पर रोजगार के कम से कम 50 अवसर सृजित होने की उम्मीद है। हमारी सरकार शुरु से ही सैनिकों और पूर्व सैनिकों के उत्थान के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सैनिकों और पूर्व सैनिकों के उत्थान के लिए लगातार प्रयासरत हैं। देश में वन रैंक – वन पेंशन की शुरुआत मोदी जी ने ही की। जिससे पूर्व सैनिकों को ना सिर्फ आर्थिक मजबूती मिली बल्कि उनके आत्मसम्मान की भी रक्षा हुई। इसके लिये उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार भी व्यक्त किया। हमारी सरकार आने वाले समय में भी सेवारत सैनिकों के साथ ही पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के हितों के लिए निरन्तर प्रयास जारी रखेगी।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लेकर आयी। हमने प्रदेश में देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया, इसमें पेपरलीक जैसी घटनाओं पर लगाम लग चुकी है और सभी परीक्षाएं पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड में पहाड़ तक ट्रेन पहुंचाने का सपना सच होने जा रहा है। अब शीघ्र ही हमें देहरादून से लखनऊ-अयोध्या और वाराणसी के मध्य भी वंदे भारत ट्रेन के संचालन की सौगात मिलने वाली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आयोजित वैश्विक निवेश सम्मेलन में 3.50 लाख करोड़ के एम.ओ.यू. हुए हैं। जिनमें से अब तक 71 हजार करोड़ की परियोजनाओं की ग्राउण्डिग की जा चुकी है। प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के सपने साकार हो रहे हैं। इससे रोजगार और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सचिव दीपेन्द्र चौधरी, चेयरमैन उपनल मे.जनरल (से.नि.) समीर सब्रवाल, एमड़ी ब्रिगेडियर (से.नि.) जे.एनएस. बिष्ट, पूर्व कैबिनेट मंत्री और संस्थापक उपनल ले.ज. (से.नि.) टी.पी.एस रावत ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पूर्व सैन्य अधिकारी एवं सैनिक उपस्थित थे।