चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाबी यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पुटा) की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, पंजाब सरकार, यूनिवर्सिटी के चांसलर व डाॅ. अरविंद को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.
पूटा का आरोप है कि डाॅ. अरविंद पंजाबी यूनिवर्सिटी के वीसी पद के लिए पात्र नहीं हैं और पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं। यूनिवर्सिटी का वीसी नियुक्त होने के लिए दस साल का अनुभव होना चाहिए, जिसमें एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर चार साल का अनुभव जरूरी है। डॉ। अरविंद के पास एसोसिएट प्रोफेसर पद पर तीन साल से कम का अनुभव है, इसलिए हाई कोर्ट से उनकी नियुक्ति रद्द करने का अनुरोध किया गया है.
याचिका के मुताबिक नियमों का उल्लंघन कर उन्हें आईआईएसआर (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज एजुकेशन एंड रिसर्च) मोहाली में एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पद पर नियुक्त किया गया था. इस संबंध में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जांच कमेटियों का गठन किया गया था, जिसके बाद रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी गई थी. इस आधार पर डॉ. एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के तौर पर अरविंद की नियुक्ति को मंजूरी नहीं दी गई है. सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को 10 अप्रैल के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. ज्ञात हो कि अप्रैल 2021 में राज्य सरकार द्वारा भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, मोहाली से डाॅ. अरविंद को पंजाबी विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया। इससे पहले आईएएस अधिकारी रवनीत कौर विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति के रूप में कार्यरत थीं। अरविंद भौतिकी के प्रोफेसर हैं और उन्होंने 1990 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर से मास्टर डिग्री हासिल की है।