धमतरी, 9 मार्च (हि.स.)। एक महिला के विरूद्ध विद्युत चोरी का मामला पिछले पांच साल से अधिक समय से न्यायालय में लंबित था। आरोपिता के पति व पुत्र की मौत हो गई थी। महिला दूसरे अपराध में रायपुर के न्यायालय में सजा काट रही थी, ऐसे में महिला न्यायालय में प्रस्तुत नहीं हो पा रही थी। इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने गंभीरता दिखाई और न्यायालय के कर्मचारियों से महिला के संबंध में जानकारी लेने निर्देशित किया, तो पता चला कि महिला अन्य अपराध में जेल में सजा काट रही है। ऐसे में विद्युत चोरी के इस मामले का निराकरण करने न्यायालय ने खुद पहल की और नेशनल लोक अदालत में महिला द्वारा जेल में किए श्रम की राशि विद्युत विभाग में जमा कराकर मामला में राजीनामा कराई गई। न्यायालय के इस पहल से महिला खुश है।
विद्युत चोरी के एक मामला न्यायालय विशेष न्यायाधीश के पीठासीन अधिकारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश केएल चरयाणी के न्यायालय में छग राज्य विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा 13 मार्च 2018 को अभियुक्ता गंगाबाई सिन्हा के विरूद्ध विद्युत चोरी के मामले में धारा 135 (1) (क) विद्युत अधिनियम 2003 के तहत दांडिक प्रकरण (विद्युत अधिनियम) प्रस्तुत किया गया था। यह प्रकरण वर्तमान में पांच वर्ष से अधिक अवधि से लंबित था। प्रकरण में अभियुक्ता की उपस्थिति के लिए न्यायालय द्वारा कई बार नोटिस जारी किया गया था किन्तु अभियुक्ता को नोटिस तामिल
नहीं हो पा रहा था। माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ के निर्देशानुसार पुराने प्रकरणाें का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाना था। अभियुक्ता के विरूद्ध प्रस्तुत प्रकरण राजीनामा योग्य के धारा होने पर न्यायालय के पीठासीन अधिकारी केएल चरयाणी के द्वारा अपने रीडर सत्येन्द्र सिंह परिहार एवं नंद देवांगन को निर्देशित किया गया कि वे इस प्रकरण में विशेष रूचि लेते हुए प्रकरण के
राजीनामा के संबंध में प्रयास करें तथा अभियुक्ता के वर्तमान में कहां निवासरत है, इसका पता लगाने के लिए निर्देशित किया गया था। न्यायालय के दोनाें रीडराें द्वारा थाने के माध्यम से अभियुक्ता के
संबंध में पता लगाने पर जानकारी प्राप्त हुई कि प्रकरण की अभियुक्ता गंगाबाई सिन्हा किसी अन्य अपराध में केन्द्रीय जेल रायपुर में सजा भुगत रही है। उसके पति एवं पुत्र की मृत्यु हो चुकी है। उसके परिवार में अन्य कोई सदस्य नहीं है। केन्द्रीय जेल रायपुर से अभियुक्ता के संबंध में जानकारी प्राप्त कर विद्युत चोरी के इस मामले में राजीनामा करने के संबंध में उससे सहमति लिया जाकर उसके द्वारा जेल में किये गये उसके कार्य के संबंध में उसे
मिलने वाली पारिश्रमिक से विद्युत चोरी के अर्थदंड एवं राजीनामा शुल्क को न्यायालय द्वारा विद्युत विभाग में जमा कराकर अभियुक्ता के विरूद्ध इस न्यायालय में पांच वर्ष से अधिक अवधि से लंबित विद्युत चोरी के प्रकरण को राजीनामा करवाकर प्रकरण का निराकरण करवाया गया। जेल अधीक्षक, केन्द्रीय जेल रायपुर के एवं न्यायालय के आपसी तालमेल एवं अभियुक्ता की सहमति से प्रकरण का आज आयोजित नेशनल लोक अदालत में आपसी राजीनामा के आधार पर निराकरण किया गया। इस प्रकरण के निराकरण में जेल अधीक्षक, केन्द्रीय जेल रायपुर का भी विशेष सहयोग रहा।