बेमेतरा नेशनल लोक अदालत : परिवार न्यायालय में दो परिवारों का हुआ मिलन

बेमेतरा, 9 मार्च (हि.स.)। नेशनल लोक अदालत 09 मार्च को राष्ट्रीयस्तर पर आयोजित किया गया, जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बेमेतरा के तत्वावधान में बेमेतरा जिला न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत के अवसर पर परिवार न्यायालय बेमेतरा की प्रधान न्यायाधीश नीलिमा सिंह बघेल के द्वारा परिवारिक मामले में दो दम्पत्तियों को एक साथ सुलह-समझौता कर न्यायालय से राजी-खुशी घर भेजा गया।

पहले प्रकरण में पति राजेश (परिवर्तित नाम) ने अपनी पत्नी मोहिनी (परिवर्तित नाम) के विरुद्ध वैवाहिक जीवन की पुर्नस्थापना का वाद पेश किया था। दोनों का विवाह वर्ष 1995-96 में सम्पन्न हुआ था और दोनों की पांच बालिग संतान है। वर्ष 2018 से दोनों के मध्य गंभीर विवाद होने से पत्नी ने अपने पति को घर से निकाल दी थी तथा पति दूसरी बस्ती में घर बनाकर रह रहा था। पति हर प्रकार से अपनी पत्नी और बच्चों को मनाने का प्रयास कर चुका था, असफल होने पर उसने परिवार न्यायालय में वाद पेश किया था। परिवार न्यायालय खंडपीठ की पीठासीन अधिकारी नीलिमा सिंह बघेल ने दोनों पति-पत्नी को उनके आयु, उनके और बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सदस्य अधिवक्तागण के सहयोग से उभयपक्षों के बीच काफी देर तक सुलह-समझौता कराया गया और उभयपक्ष के मध्य समस्त विवाद समाप्त कर उन्हें राजी-खुशी एक-दूसरे के साथ रहने के लिए मनाकर प्रकरण राजीनामा के आधार पर समाप्त किया गया।

दूसरे मामले में पत्नी पूनम (परिवर्तित नाम) ने अपने पति विमल (परिवर्तित नाम) के विरुद्ध भरण-पोषण का मामला लगायी थी और महिला सेल में भी शिकायत की थी। उक्त प्रकरण में दोनों पति-पत्नी लगभग 08 माह से अलग-अलग रह रहे थे। न्यायाधीश नीलिमा सिंह बघेल द्वारा दोनों पक्षों को विवाह के महत्व को समझाते हुए उन्हें एक-दूसरे का साथ न छोड़ने एवं हर परिस्थिति में एक-दूसरे का साथ निभाने का वचन लेते हुए न्यायालय से विदा किया गया। परिवार न्यायाधीश द्वारा दोनों प्रकरण के पक्षकारों को विदाई के समय तुलसी का पौधा तथा नारियल दिया गया, एक-दूसरे को माला पहनवाकर एवं मिठाई खिलाकर अच्छा जीवन जीने के लिए शुभकामनाएं देकर विदा किया गया। इस पूरे प्रयास के दौरान सदस्य अधिवक्तागण लाल बहादूर शर्मा एवं पी. राजेश्वरी तथा परिवार न्यायालय के समस्त स्टाफ भी उस सुखद पल के साक्षी बने।