नई दिल्ली, 09 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) कानून से देश में अनुसंधान और विकास को तेजी से बढ़ावा मिला है। वित्त मंत्री ने कहा कि नवाचार करने वाले लोगों को यह कानून सुरक्षा देता है।
निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की पेटेंट कानून पर लिखी पुस्तक का विमोचन के बाद अपने संबोधन में यह बात कही। सीतारमण ने कहा कि हम आईपीआर कानूनों को सुविधा तथा प्रोत्साहन देने वाला बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से यह कानून अनुसंधान एवं विकास की प्रक्रिया में बाधा नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने कई कदम उठाए हैं।
इससे पहले सीतारमण ने जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह की पेटेंट कानून पर लिखी पुस्तक का विमोचन किया। वित्त मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मादी के नेतृत्व वाली सरकार ने भारत में बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) को देखने के लिए एक थिंक टैंक की स्थापना की। सीतारमण ने कहा कि न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह, जो उस समय न्यायाधीश नहीं थीं, एक सक्रिय सदस्य थीं। उन्होंने इसमें बहुत योगदान दिया और 2016 में राष्ट्रीय आईपीआर नीति तैयार की गई।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की पेटेंट कानून के विमोचन कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया के संघीय न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश डॉ. एनाबेले बेनेट, इंग्लैंड और वेल्स के अपील न्यायालय के लॉर्ड जस्टिस सर कॉलिन बिर्स और एकीकृत पेटेंट न्यायालय (ईयू) के अध्यक्ष क्लॉस ग्रेबिंस्की भी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि पेटेंट कानून भारत में इनोवेशन की सुरक्षा के लिए एक कानूनी तंत्र है। दिल्ली हाईकोर्ट की जज जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने पेटेंट कानून पर नई पुस्तक लंबी और कठिन परिश्रम के बाद आई है। यह पुस्तक पेटेंट से संबंधित मामलों से निपटने वाले वकीलों और वादियों के लिए बहुत मददगार होगी। पेटेंट कानून हमारे देश में इंवोशेन की रक्षा के लिए एक कानूनी तंत्र है।