झांसी,09 मार्च (हि.स.)। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में शनिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय में चल रही शिक्षक भर्ती में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की जा रही अनियमितताओं के कारण भर्ती प्रक्रिया स्थगित कर निष्पक्ष जांच कर दोषी व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग को लेकर जारी अनिश्चित कालीन क्रमिक अनशन आज तीसरे दिन भी जारी रहा। अभाविप ने आरोप लगाया कि पूर्व में और वर्तमान में भी परिवार व रिश्तेदारवाद की भरमार है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मनेन्द्र गौर ने कहा कि विश्वविद्यालय ने हठ वादी रवैया अपनाते हुए अभी तक ना तो भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने की कोई घोषणा की है ना ही जांच कराने की। अनशन कारी छात्रो ने बताया कि सबसे चर्चित मामला, विश्वविद्यालय के बैंकिंग, अर्थशास्त्र एवं वित्त विभाग का हैं जहां एक अभ्यर्थी को विश्वविद्यालय ने स्ववित्त पोषित योजना से सीधे सह आचार्य, यूजीसी स्वीकृति पद पर 12 पें बैंड में नियुक्ति दी हैं।
बताया जा रहा है कि उपरोक्त शिक्षक, विश्वविद्यालय प्रशासन में महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत शिक्षक का दामाद हैं और उपरोक्त नियुक्ति के लिए एक बड़ी राशि का का लेन देन, विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र में किया गया था। उपरोक्त जानकारी से सम्बंधित एक पत्र, कुछ दिनों पूर्व बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के फ़ैमिली ग्रुप पर वायरल हुआ था।
उपरोक्त शिक्षक के संदर्भ में बताया जा रहा है कि उसे इसके पूर्व की नियुक्ति में सहायक आचार्य अर्थशास्त्र के पद पर अयोग्य मानते हुए साक्षात्कार में शामिल नहीं किया गया था, परंतु इस बार उसे सीधे सह आचार्य बना दिया गया।
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में शिक्षकों कि भर्ती में इतनी मनमानी और भ्रष्टाचार किया गया कि एक शिक्षक के मैनेजमेंट के एपीआई को अर्थशास्त्र के लिए स्वीकृत कर लिया तो एमकॉम और मैनेजमेंट की पोस्ट के लिए अर्थशास्त्र विषय के विशेषज्ञ को बुलाया गया।
और तो और मैनेजमेंट विषय में चयन के लिए डीन ऑफ़ आर्ट को साक्षात्कार में बैठाया गया। इन सारी घटनाओं को देखते हुए विद्यार्थि परिषद के आंदोलन को बहुत ही सही और तार्किक बताया जा रहा है। इसी पैनल ने अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ और डीन ने कॉमर्स विषय के अभ्यर्थी को अर्थशास्त्र पढ़ाने के लिए नियुक्त कर दिया, सहायक आचार्य के लिए ईडब्ल्यूएस में जबकि वह करोड़पति हैं।
विभाग संयोजन हर्ष कुशवाहा ने कहा कि विद्यार्थी परिषद ने अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन स्थल पर ही परिषद ने छात्रवृत्ति हेल्पडेस्क लगाया है, जिसमें विद्यार्थियों के विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय स्तर से जो फॉर्म फॉरवर्ड नहीं किए गए हैं। जिसमें विश्वविद्यालय/महाविद्यालय स्तर से उनकी लापरवाही के कारण फॉरवर्ड नहीं हुई है। इसके लिए फॉर्म कलेक्ट कर रहा है, जिसका जवाब बुंदेलखंड विश्वविद्यालय प्रशासन को देना होगा।
महानगर मंत्री सुयश शुक्ला ने कहा कि परिषद ने दृण निश्चय से ठाना है कि जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन भ्रष्टाचार के खिलाफ उचित कदम नहीं उठाएगा और छात्रों की समस्याओं का निस्तारण नहीं करेगा तब तक विद्यार्थी परिषद अपना संकल्प नहीं तोड़ेगा और यह अनशन निरंतर जारी रहेगा। जिला संयोजन हर्ष जैन ने कहा कि “भ्रष्टाचार मिटेगा जब एबीवीपी अनशन से उठेगा तब “अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन शिक्षक भर्ती निरस्त कर और उसकी जांच तक चलेगा।
इस अनिश्चितकालीन अनशन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य उर्मिला पटेल, इकाई अध्यक्ष हर्ष शर्मा,पूर्व इकाई अध्यक्ष विकाश शर्मा ,प्रितिका शुक्ला,फ़िरोज़, अर्पित,देव, विहान, सौम्य, शुभम, संकल्प, शिवम, सक्षम,सत्यम,राज,प्रांजल,योगेंद्र ,ध्रुव,शिव, निशांत, शिवांक,उत्कर्ष,मनीष,साहिल,धनराज,तेजस,नीलेन्द्र, विशाल,शोबित,अर्जुन,हर्षित, अनिल,विभा, अभिनव, सुरभि, नीति, हर्षिता, आयुषी, शिल्पी, अंजली, अंशिका, खुशी, पूजा सहित सैकड़ों कार्यकर्ता अनशन में बैठे हैं।