जालंधर: लायलपुर खालसा कॉलेज के स्नातकोत्तर अंग्रेजी विभाग और एनएसएस इकाइयों द्वारा एनईपी 2020, उत्तर भारत में समाज और शिक्षा के लिए इसके महत्व पर आईसीएसएसआर प्रायोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन के लिए प्रमुख हितधारकों, समाज और शिक्षकों की भागीदारी पर विचार करने के उद्देश्य से संगोष्ठी आयोजित की गई थी। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता गवर्निंग काउंसिल के संयुक्त सचिव जसपाल सिंह वड़ैच ने की।
प्राचार्य डाॅ. गवर्निंग काउंसिल के संयुक्त सचिव जसपाल सिंह, मुख्य वक्ता डाॅ. दिनेश चहल, डाॅ. खुशविंदर कुमार एवं अन्य अतिथियों का स्वागत गुलदस्ता देकर किया गया। प्राचार्य डाॅ. जसपाल सिंह ने दर्शकों का स्वागत किया और उनसे एनईपी 2020 के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए कहा। सेमिनार के संयोजक प्रो. सतपाल सिंह ने समाज में प्राचीन ज्ञान, कौशल और दक्षता की ओर इशारा किया और एनईपी 2020 के माध्यम से इसका उपयोग करने के लिए तर्क प्रस्तुत किए। प्रख्यात शिक्षाविद् प्रो. दिनेश चहल, केंद्रीय विश्वविद्यालय, हरियाणा ने ‘शिक्षा के साथ सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए एनईपी 2020 के संदर्भ में प्राचीन ज्ञान’ विषय पर मुख्य भाषण दिया। दूसरे वक्ता डॉ. खुशविंदर कुमार, पूर्व प्रिंसिपल एमएम मोदी कॉलेज, पटियाला ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एनईपी 2020 के विभिन्न मापदंडों, आवश्यकताओं और निहितार्थों के बारे में बताया। शाम के सत्र में, राज्यसभा सांसद संत बलवीर सिंह सीचेवाल समारोह के मुख्य अतिथि थे। उनका स्वागत प्राचार्य डॉ. ने किया. जसपाल सिंह ने किया। अपने भाषण के दौरान, संत बलवीर सिंह सीचेवाल ने धरती माता के कल्याण के लिए समाज की भागीदारी पर जोर दिया।
डॉ। बलराज कौर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया और कहा कि सेमिनार में प्रसिद्ध विशेषज्ञों, विद्वानों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों सहित पंजाब, जम्मू, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और हरियाणा से 46 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। डॉ। मंच का संचालन गीतांजलि महाजन ने बखूबी किया। इस सेमिनार को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए डाॅ. मंजू जोशी, डाॅ. अमनदीप कौर, डाॅ. करणबीर सिंह, डाॅ. अजीतपाल सिंह, डाॅ. सुखदेव सिंह नागरा, डाॅ. सरबजीत सिंह, प्रो. भावना, पी. किरणदीप कौर ने एकजुट होकर काम किया।