प्रयागराज, 08 मार्च (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विद्युत निगम वाराणसी में तैनात अधिशासी अभियंता संजय कुमार को कर्तव्य पालन में लापरवाही बरतने के आरोप में चेयरमैन द्वारा एक इंक्रीमेंट रोकने की दी गई सजा रद्द कर दी है।
कोर्ट ने कहा बिना गवाहों व साक्ष्यों का परीक्षण किए यह आदेश दिया गया है, इसलिए कायम रहने लायक नहीं है। कोर्ट ने विभागीय जांच कमेटी में गवाही सफाई का याची को मौका देकर चेयरमैन को नियमानुसार नये सिरे से आदेश पारित करने का निर्देश दिया है और कहा है कि यदि याची दोषी पाया जाय तो पिछले आदेश से अधिक दंड न दिया जाए।
यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने संजय कुमार की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। मालूम हो कि याची वाराणसी में तैनात हैं। जब वह जुलाई 19 से जनवरी 21 तक नोएडा में था तो उसको विभागीय जांच कार्यवाही में चार्जशीट दी गई। आरोप लगाया गया कि विद्युत संयोजन रजिस्टर नहीं बनाया और शाहपुर कला में कोल्हू कनेक्शन बकाया वसूली पर सही कार्यवाही नहीं की। उसे लापरवाही का दोषी पाया गया और चेयरमैन द्वारा दंडित किया गया। जिसे यह कहते हुए चुनौती दी गई कि दंडित करने से पहले सफाई व गवाही का मौका नहीं दिया गया।