भोपाल, 6 मार्च (हि.स.)। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में करोड़ों रुपये के लेनदेन में गड़बड़ी का उजागर होने के बाद विवि के कुलपति डॉ. सुनील कुमार ने बुधवार को राजभवन पहुंचकर अपना इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के सभी खातों को भी सीज कर दिया है। सरकार ने कुलपति को हटाने के पहले ही संकेत दिए थे।
दरअसल, दो दिन पहले आरजीपीवी में करोड़ों रुपये के लेनदेन में गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद कुलपति, रजिस्ट्रार समेत पांच लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी। वहीं, राज्य स्तरीय कमेटी को जांच का जिम्मा सौंपा है। इस मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने यूनिवर्सिटी में धरना दिया था। इसके बाद सरकार ने मामले को गंभीरता से लेकर जांच कमेटी गठित की। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही एफआईआर दर्ज की गई।
यूनिवर्सिटी में एबीवीपी ने करोड़ों रुपये की गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं। अभी मामला जांच में है। हालांकि, तीन सदस्यीय जांच रिपोर्ट में 19.48 करोड़ रुपये निजी खातों में ट्रांसफर होने की बात सामने आई है। इस मामले में कुलपति, पूर्व रजिस्ट्रार, दलित संघ सुहागपुर समेत अन्य पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। जिनके हस्ताक्षर से चेक साइन कर निजी खातों में राशि ट्रांसफर की गई है।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सैलरी अकाउंट को छोड़कर बाकी खातों को गड़बड़ी सामने आने के बाद फ्रीज कर दिया है। अब पूरे मामले की जांच की जा रही है। अभी जांच में यह भी सामने आया है कि यूनिवर्सिटी की राशि की पिपरिया ब्रांच और भोपाल की कटारा हिल्स ब्रांच में की गई एफडी का नंबर एक ही है। इसमें एक एफडी नकली होने की संभावना जताई जा रही है। यूनिवर्सिटी के बैंक अकाउंट और उसकी संपत्ति का भी कोई पूरा रिकॉर्ड नहीं मिला है। हालांकि, अभी यह सब जांच में है।
गांधी नगर थाना प्रभारी प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि आरजीपीवी मामले में कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं। इस मामले में आरोपियों को पूछताछ के लिए नोटिस दिया जाएगा। इसके बाद ही गिरफ्तारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक लेनदेन का मामला है। इसलिए पूछताछ की जाएगी। अभी पुलिस ने शासन के आदेश पर बिना जांच के एफआईआर दर्ज की है।