भोपाल, 6 मार्च (हि.स.)। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि गौ-संरक्षण के लिए समाज की सहभागिता और आपसी समन्वय अत्यंत आवश्यक है। गौशालाओं के संधारण एवं गौ-माता के संरक्षण में जो कठिनाइयां आती है, उनका सामना हम सभी मिलकर कर सकते हैं।
मंत्री पटेल भोपाल के कुशाभाउ ठाकरे सभागृह में बुधवार को “गौ-रक्षा संवाद” कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं दमोह जिले में गौ-अभयारण्य का संचालन कर रहा हूं। सामुदायिक चराई अधिकार, भूसे का परिवहन, राजमार्ग से गौशाला की दूरी आदि समस्याओं के बारे में आज सत्र में जो सुझाव आए हैं, उन पर शासन स्तर पर चर्चा कर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
मंत्री पटेल ने कहा कि देशी गाय की क्षमता एवं उपयोगिता का संपूर्ण विश्व में गुणगान है, हमें भी जमीनी स्तर पर देशी गाय के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना है। गौ-सेवा की भावना को हमें समाज के हर व्यक्ति तक पहुंचना है। गौशालाओं के बेहतर प्रबंधन के लिये जो भी प्रशासनिक अवरोध है, उन्हें निश्चित रूप से समाप्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में शासन द्वारा गौ-कल्याण तथा गौशालाओं के बेहतर प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।।
कुशाभाउ ठाकरे सभागृह में बुधवार को “गौ-रक्षा संवाद” निराश्रित गौ-वंश एवं गौशालाओं के बेहतर प्रबंधन पर हितग्राहियों की कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री पटेल की अध्यक्षता में गौशाला प्रबंधन से संबंधित प्रशासकीय पहलू पर विशेष सत्र का आयोजन किया गया। सत्र में पांच पैनलिस्ट एवं दो विषय विशेषज्ञों ने गौ-संरक्षण, दुग्ध प्रोसेस्ड उत्पादों, गौ-मूत्र एवं गोबर की उपयोगिता तथा अन्य विषयों पर अपने विचार रखे। गौशाला संचालकों ने बेहतर प्रबंधन के लिए कई सुझाव दिए। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव सहित पशुपालन विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे।