हरिद्वार, 06 मार्च (हि.स.)। पतंजलि के किये गए शोध से प्रमाणित हुआ कि परम्परागत लकड़ी के कोल्हू से निकाला हुआ सरसों का तेल कैंसर से बचाने के साथ कैंसर को ठीक करने में भी मदद करता है। यह बात विश्व प्रसिद्ध रिसर्च जर्नल ‘फूड केमिस्ट्री’ ने भी मानी है। जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार कोल्हू से निकाले हुए सरसों के तेल में ऑउरेन्टियामाइड एसीटेट नामक एन्टी कैंसर कम्पाउंड पाया जाता है।
इस शोध को लेकर पतंजलि के योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि यह मात्र एक शोध न होकर हमारी गौरवशाली भारतीय परंपरा की श्रेष्ठता पर आधुनिक विज्ञान की मुहर है। इससे सिद्ध होता है कि किस प्रकार हमारी दिनचर्या में उपयोग होने वाले विभिन्न कार्यकलाप, हमें भिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने में सहयोगी थे। यह शोध इस बात की भी पुष्टि करता है कि विज्ञान का वास्तविक अर्थ बड़ी-बड़ी मशीनें ही नहीं अपितु साधारण सी प्रतीत होने वाली तकनीकें हैं जो लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में एक बड़ी भूमिका निभाती हैं।
उन्होंने कहा भारतीय सनातन परम्परा प्रकृति अनुकूल विकास व सहज सरल जीवनशैली की पोषक और उसकी संवाहक थीं। इसे विश्व प्रसिद्ध रिसर्च जर्नल भी प्रमाणित कर रहा है। सदियों पुरानी कोल्हू से तैल निकालने की परम्परा न केवल वैज्ञानिक है अपितु यह प्रकृति की रक्षा, कुटीर उद्योग के माध्यम से अधिसंख्यक लोगों को रोजगार और सड़कों पर दर-दर विचरण करते हुए गौवंश आधारित उद्योग को पुनर्स्थापित किया जा सकेगा।