जयपुर, 6 मार्च (हि.स.)। माइंस विभाग ने बांसवाड़ा के भूकिया जगपुरा और कांकरिया-गारा में प्रदेश की पहली सोने की खानों की ई-नीलामी प्रक्रिया शुरु करते हुए भारत सरकार के पोर्टल एमएसटीसी पर टेण्डर डाक्यूमेंट उपलब्ध करा दिया है। मुख्य मंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश में पहली बार सोने की खान की नीलामी होने जा रही है। खान सचिव आनन्दी ने बताया कि इनमें भूकिया-जगपुरा की माइनिंग लीज और कांकरिया-गारा की कंपोजिट लाइसेंस के लिए ई-नीलामी होगी। विभाग ने एक माह से भी कम समय में गोल्ड माइन के ऑक्शन की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ई-नीलामी का कार्यक्रम भारत सरकार के एमएसटीसी पोर्टल और विभागीय वेबसाइट पर भी जारी कर दिया है।
खान सचिव आनन्दी ने बताया कि ई-नीलामी कार्यक्रम के अनुसार 21 मार्च तक टेंडर डॉक्यूमेंट क्रय किया जा सकता है। तकनीकी बिड प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 12 अप्रेल है और इसके बाद भूकिया-जगपुरा गोल्ड माइंस के माइनिंग लाइसेंस के लिए 2 मई और कांकरिया-गारा के कंपोजिट लाइसेंस के लिए 3 मई को ऑक्शन किया जाएगा।
खान सचिव ने बताया कि बांसवाड़ा के घाटोल तहसील के भूकिया-जगपुरा के क्षेत्र में सोने के विपुल भण्डार हैं। भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के भू-वैज्ञानिकों द्वारा इस क्षेत्र में तांबें की खोज के लिए किये जा रहे एक्सप्लोरेशन के दौरान यहां पहली बार स्वर्ण अयस्क के संकेत देखे गये। इस क्षेत्र में व्यापक एक्सप्लोरेशन के बाद 940.26 हैक्टेयर क्षेत्रफल में 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का आरंभिक आकलन किया गया है जिसमें सोने के धातु की मात्रा 222.39 टन आंकी गई है। यहां स्वर्ण अयस्क के खनन के दौरान सह खनिज भी निकलेंगे।
बांसवाड़ा घाटोल के ही कांकरिया-गारा में आंरभिक खोज के दौरान स्वर्ण अयस्क के संकेत मिलने पर यहां फर्दर एक्सप्लोरेशन के लिए कंपोजिट लाइसेंस के लिए ई-नीलामी के लिए निविदा जारी की गई है। कांकरिया-जारा में 205 हैक्टेयर क्षेत्रफल में 1.24 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क संभावित है।
गोल्ड की इन खानों से सोने के साथ ही प्रचुर मात्रा में अन्य सह खनिज खनिज प्राप्त होगा। इससे इलेक्ट्रोनिक, पेट्रोलियम, पेट्रोकेमिकल, बैटरी, एयर बैग सहित कई उद्योगों में नए निवेश के साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अप्रत्याशित अवसर विकसित होंगे। इलेक्ट्रोनिक क्षेत्र में कच्चे माल की उपलब्धता, बैटरी उद्योग, सिक्कों की ढ़लाई, इलेक्ट्रोनिक उद्योग आदि को बूम मिलेगा। एयर बैग, पेट्रोकेमिकल उद्योग आदि और इनके कच्चे माल की आपूर्ति के लिए विदेषों पर निर्भरता कम होगी। प्रदेश में सह खनिजों से जुड़ी इण्डस्ट्रीज के नए निवेश से राजस्व और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के विपुल अवसर विकसित होंगे।
निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि सोने की खान से संबंधित आवश्यक सामग्री व ई-नीलामी कार्यक्रम, आवश्यक औपचारिकताओं आदि की विस्तृत जानकारी विभागीय वेबसाइट व भारत सरकार के पोर्टल पर उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि देशदुनिया में कोई भी इच्छुक व्यक्ति भारत सरकार के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराकर ई-नीलामी में हिस्सा ले सकते हैं। वर्तमान में सरकारी क्षेत्र में कर्नाटक में हुट्टी गोल्ड माइंस कंपनी द्वारा गोल्ड का खनन किया जा रहा है व कर्नाटक के ही कोलार गोल्ड फिल्ड में काम हो रहा है। निजी क्षेत्र में मुन्द्रा ग्रुप की रामा माइंस द्वारा इस क्षेत्र में एक्सप्लोरेशन और माइनिंग का कार्य किया जा रहा है। आंध्र प्रदेश में डेक्कनगोल्ड माइंस द्वारा गोल्ड प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है।