जयपुर, 5 मार्च (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट नेे पिछली विधानसभा के समय कांग्रेस के 81 विधायकों के इस्तीफा देने और उनकी सदस्यता से संबंधित मामले की सुनवाई को चार सप्ताह के लिए टाल दिया है। सीजे एमएम एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश भुवन गोयल की खण्डपीठ ने यह आदेश तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड की याचिका पर यह आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता राजेन्द्र सिंह राठौड की ओर से खंडपीठ को कहा कि प्रकरण में संवैधानिक बिंदु तय होने हैं। ऐसे में उन्हें संवैधानिक विशेषज्ञों से चर्चा करनी है। इसलिए मामले में बहस करने के लिए समय दिया जाए। इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह बाद तय की है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इन विधायकों ने 25 सितम्बर 2022 को इस्तीफा दिए, जो 113 दिन की देरी से अस्वीकार किए गए। विधानसभा के तत्कालीन स्पीकर ने यह कहते हुए इस्तीफे अस्वीकार किए कि विधायकों ने अपने इस्तीफे स्वैच्छिक नहीं दिए थे। याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि 25 सितम्बर 2022 से वेतन भत्ते के रूप में इन विधायकों ने करीब 18 करोड़ रुपए प्राप्त किए। ऐसे में इस संबंध में उचित निर्देश दिए जाए। वहीं विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष लंबित इस्तीफों को तय करने की अवधि के संबंध में भी दिशा-निर्देश दिए जाए। गौरतलब है कि गत सुनवाई को विधानसभा के वर्तमान स्पीकर की ओर से अदालत में जवाब पेश कर कहा गया था कि तत्कालीन स्पीकर ने विधायकों के इस्तीफों को लेकर कोई जांच नहीं की और उन्हें स्वैच्छिक नहीं बताकर अस्वीकार कर दिया।