दतिया: ओलावृष्टि और बारिश से बर्बाद हुई फसलों का जायजा लेने खेतों में पहुंचे कलेक्टर

दतिया, 04 मार्च (हि.स.)। जिले में पिछले कई दिनों से मौसम बेहद खराब बना हुआ है। बारिश, और ओलावृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। किसानों की खून-पसीने की कमाई पर मौसम की इस माह से हर किसान टूटा हुआ नजर आ रहा है। कलेक्टर संदीप माकिन सोमवार को ओलावृष्टि और बारिश से किसानों की बर्बाद हुई फसल का मुआयना करने के लिए राजस्व टीम के साथ खेतों में पहुंचे।

कलेक्टर ने मौके पर जाकर किसानों से बात की और राजस्व टीम को सर्वे करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने खराब हुई फसलों का जायजा लेने के लिये किसानों और सर्वे दल के साथ गांवों में खेतों पर पहुंचे। कलेक्टर माकिन ने खेत में जाकर वास्तविक स्थिति का आकलन किया। उन्होंने किसानों को आंकलन के बाद आर्थिक मदद देने का भरोसा दिलाया। साथ ही ग्रामीणों से चर्चा कर उनकी परेशानी समझी। हालांकि इस दौरान सालों से की गई मेहनत खबर होने के चलते ग्रामीण बुरी तरह से परेशान थे।

कलेक्टर माकिन ने आज ग्राम पंचायत हतलव, गणेशखेड़ा का भ्रमण कर असमय बारिश और ओलावृष्टि के कारण हुए फसल नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान कलेक्टर ने किसान भाइयों से चर्चा भी की और आश्वस्त किया कि फसल नुकसान का पूरी पारदर्शिता एवं संवेदनशीलता के साथ सर्वे कर आंकलन किया जाएगा। प्रशासन के नियमानुसार किसानों को राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी। कलेक्टर ने राजस्व विभाग, कृषि विभाग और पंचायत विभाग के अधिकारियों का संयुक्त दल गठित कर फसल नुकसान का आंकलन करने के निर्देश दिए हैं।

जिला कलेक्टर ने कहा कि पूरे मामले के सर्वे में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए. सर्वे पूरी ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ होगी और प्रत्येक प्रभावित किसान को राहत मिलेगी. इसका विशेष ध्यान रखा जाए कि किसी भी किसान का खेत सर्वे से न छूटे।

जिले के नुनवाहा, कटीली, बनवास, नौनेर, गणेशखेड़ा, हतलव, खैरी, मकौनी, राजापुर, खटोला, लरायटा विकासखंड के तहत आने वाले गांव में खेतों में खड़ी फसल ओलावृष्टि और पानी से पूरी तरह से तबाह हो गई। क्षेत्र में बड़े साइज के ओले गिरने से काफी क्षति हुई है. इसके चलते अब इन इलाकों के किसान बहुत परेशान हैं।

इस हालत का जायजा लेने के लिए जिला प्रशासन खेतों में पहुंच रहा है. हालांकि अभी नुकसान का अनुमान लगाना संभव नहीं हो पा रहा है। दो दिनों के भीतर बड़े साइज के ओले गिरने के कारण गेहूं, चना और दलहन फसलों को सबसे ज्यादा क्षति हुई है। कलेक्टर के निर्देश पर विभिन्न विकासखंड में राजस्व टीम खेतों में पहुंचकर मौसम के इस मार से हुए नुकसान का सर्वे रिपोर्ट तैयार करने में जुट गई हैं।