जयपुर, 4 मार्च (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर जवाहर कला केन्द्र की ओर से 8 से 10 मार्च तक तीन दिवसीय वागेश्वरी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसमें ख्यातनाम महिला कलाकारों की प्रस्तुतियां संगीत, नाट्य, दृश्य कला और साहित्य की सुगंध से सराबोर करेंगी।
पहले दिन 8 मार्च को रंगायन में शाम 6.30 बजे से ‘तत् अवनद्य प्रस्तुति’ में तबला गर्ल के नाम से मशहूर कोलकाता की रिम्पा शिवा, राजेंद्र बनर्जी के सुरीले नगमा वादन पर एकल तबला वादन प्रस्तुत करेंगी। देश की प्रथम महिला संतूर वादक उज्जैन की डॉ. वर्षा अग्रवाल और रिंपा शिवा सुर, लय और ताल की समावेशित प्रस्तुति भी देंगे।
9 मार्च को सायं 5 बजे कृष्णायन में कोमल पांडे सुगम गायन की प्रस्तुति देंगी। रंगायन में शाम 6.30 बजे ‘ये रास्ते हैं प्यार के’ नाट्य प्रस्तुति में मशहूर अभिनेत्री और गायिका इला अरुण, केके रैना और अविनाश उज्जैन का अभिनय देखने को मिलेगा। मूल नाट्य लेखन इला अरुण ने किया है, नाटक के निर्देशक केके रैना है। समारोह के तीसरे दिन 10 मार्च को केन्द्र के कृष्णायन में शाम 5 बजे प्रो. सुनीता तिवारी नागपाल के निर्देशन में नाटक ‘द स्वान सौगं’ का मंचन होगा। रंगायन में शाम 6.30 बजे से दिल्ली की मैत्रेयी मजूमदार शास्त्रीय गायन प्रस्तुत करेंगी।
महोत्सव के तहत 8 से 12 मार्च तक अलंकार कला दीर्घा में डॉ. कृष्णा महावर के क्यूरेशन में देश की 10 ख्यातनाम महिला चित्रकारों का शिविर आयोजित किया जाएगा। प्रतिदिन सुबह 10.00 बजे से शाम 5.00 बजे तक शिविर चलेगा। प्रतिभागी चित्रकारों में डॉ. रेणु बरीवाल, शीतल चितलांग्या, प्रो. सीमा चतुर्वेदी, डॉ. मणि भारतीय, शर्मिला राठौड़, डॉ. निकहत तसनीम काजी, मीनू श्रीवास्तव शामिल हैं।
प्रतिदिन सायं 3:30 बजे संवाद प्रवाह का आयोजन होगा। 8 मार्च को भारतीय शास्त्रीय संगीत में महिला वादकों का योगदान ‘पुरातन से नूतन’ विषय पर डॉ. वंदना कल्ला, डॉ. वंदना खुराना विचार रखेंगी, डॉ. गायत्री शर्मा मॉडरेटर रहेंगी। 9 मार्च को नाट्य कला और संगीत का अंतर्संबंध विषय पर वासुदेव भट्ट, राजीव आचार्य, डॉ अलका राव विचार साझा करेंगे, मॉडरेटर नरेन्द्र अरोड़ा रहेंगे। 10 मार्च को राजस्थानी लघु चित्रण परंपरा और संरक्षण विषय पर समन्दर सिंह खंगारोत ‘सागर’, डॉ रीटा प्रताप और रामू रामदेव प्रकाश डालेंगे, सत्र की मॉडरेटर डॉ. तनूजा सिंह रहेंगी।