उत्तर प्रदेश में बनेगा 8 लेन का आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, खर्च होंगे 1939 करोड़ रुपये

Agra Lucknow Expressway

उत्तर प्रदेश सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को छह लेन से बढ़ाकर आठ लेन करने की योजना को मंजूरी दी है। इस प्रोजेक्ट पर कुल 1939 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPIDA) को इस काम की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस नवीनीकरण से न केवल एक्सप्रेसवे की संरचना को मजबूत किया जाएगा, बल्कि सुरक्षा उपायों को भी बेहतर बनाया जाएगा, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

कैसे होगा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे का नवीनीकरण?

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के निरीक्षण और सुझावों के बाद राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद द्वारा पहले 65 किलोमीटर लंबे हिस्से का निरीक्षण कर एक रिपोर्ट तैयार की गई थी। इस रिपोर्ट में सुरक्षा उपायों के तहत स्पीड गवर्नर, अतिरिक्त कैमरों की स्थापना और दुर्घटनास्थलों की पहचान का सुझाव दिया गया था।

कैबिनेट की स्वीकृति:

  • औद्योगिक विकास विभाग ने इस प्रोजेक्ट को कैबिनेट बैठक में पारित किया।
  • अगले पांच वर्षों में मरम्मत और नवीनीकरण कार्यों पर 1939 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
  • एक्सप्रेसवे के रखरखाव के लिए उपयुक्त कार्यदायी संस्था का चयन UPIDA द्वारा किया जाएगा।

नवीनीकरण से कम होंगी दुर्घटनाएं

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बढ़ती दुर्घटनाओं के कारण इसकी संरचना को अपग्रेड करना आवश्यक हो गया था।

  • दुर्घटना स्थलों की पहचान: दुर्घटनाओं को रोकने के लिए स्पीड गवर्नर और लेजर गन लगाए जाएंगे।
  • सुरक्षा उपायों में सुधार: अतिरिक्त कैमरे लगाए जाएंगे और तेज रफ्तार वाहनों पर सख्त निगरानी रखी जाएगी।

ओवरलोड वाहनों से हुई क्षति की मरम्मत

एक्सप्रेसवे की एक लेन ओवरलोड वाहनों के कारण धंस चुकी है।

  • वर्तमान में मरम्मत कार्य आरजीबीएल कंपनी द्वारा किया जा रहा है।
  • ओवरलोड डंपरों के बार-बार आने से सड़क पर खांचे बन गए हैं, जिससे छोटे वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।

इस समस्या को हल करने के लिए:

  1. भारी वाहनों के लिए अलग लेन का निर्माण किया जाएगा।
  2. भारी वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए स्पीड गवर्नर का उपयोग किया जाएगा।

सुरक्षा उपायों में क्या बदलाव होंगे?

  1. स्पीड गवर्नर का उपयोग:
    • वाहनों की गति को नियंत्रित किया जाएगा।
    • तेज रफ्तार वाहनों का चालान स्पीड लेजर गन के माध्यम से होगा।
  2. शराब पीकर गाड़ी चलाने पर सख्ती:
    • शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों का ड्राइविंग लाइसेंस (DL) रद्द किया जाएगा।
  3. इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन:
    • इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देने के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।
  4. सुरक्षित लेन निर्माण:
    • भारी वाहनों के लिए अलग लेन तैयार की जाएगी।
    • ओवरलोड वाहनों की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जाएगा।

यूपीडा की भूमिका और जिम्मेदारियां

यूपीडा के नोडल अधिकारी राजेश पांडेय ने कहा कि नवीनीकरण कार्यों का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

  • बजट प्रबंधन: करोड़ों रुपये के बजट को कुशलता से उपयोग किया जाएगा।
  • कार्यदायी संस्थाएं: कार्यदायी संस्थाओं को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी और समय पर काम पूरा करने की निगरानी की जाएगी।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे का महत्व

  1. यातायात में सुधार:
    • छह लेन से आठ लेन बनने के बाद वाहनों की आवाजाही और तेज होगी।
    • ट्रैफिक जाम और भीड़भाड़ में कमी आएगी।
  2. सड़क दुर्घटनाओं में कमी:
    • बेहतर लेन व्यवस्था और सुरक्षा उपायों से दुर्घटनाओं को कम किया जाएगा।
  3. अर्थव्यवस्था को बढ़ावा:
    • तेज और सुरक्षित परिवहन से व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
    • एक्सप्रेसवे पर EV चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिलेगा।