8वां वेतन आयोग: 2026 से कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा इजाफा संभव, फिटमेंट फैक्टर को लेकर चर्चा तेज

 

8वां वेतन आयोग: 2026 से कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा इजाफा संभव, फिटमेंट फैक्टर को लेकर चर्चा तेज
8वां वेतन आयोग: 2026 से कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा इजाफा संभव, फिटमेंट फैक्टर को लेकर चर्चा तेज

केंद्र सरकार 1 जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कर सकती है। इससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है। इसी के साथ कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फिटमेंट फैक्टर को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।

फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी की संभावना

7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसकी मदद से न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये किया गया था। अब संभावना है कि 8वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.86 या उससे अधिक हो सकता है। यदि ऐसा होता है, तो न्यूनतम मूल वेतन बढ़कर 51,480 रुपये तक पहुंच सकता है। इससे कर्मचारियों की मूल सैलरी में बड़ा इजाफा होगा और इसका प्रभाव महंगाई भत्ता (DA) समेत अन्य भत्तों पर भी दिखाई देगा।

महंगाई भत्ते (DA) की भूमिका

भारत में वेतन आयोगों की सिफारिशों में महंगाई भत्ता एक अहम घटक होता है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों की क्रय शक्ति को महंगाई के प्रभाव से बचाना होता है। प्रत्येक वेतन आयोग के साथ पुराने वेतन में जोड़ा गया DA समाप्त कर दिया जाता है और नए वेतन पर इसे शून्य से शुरू किया जाता है।

उदाहरण के तौर पर, 7वें वेतन आयोग लागू होने से पहले यानी 1 जनवरी 2016 तक DA 125 प्रतिशत था। नए वेतन ढांचे में पुराने मूल वेतन और DA को जोड़कर उस कुल राशि पर फिटमेंट फैक्टर लगाया गया था। इसी प्रक्रिया को आगामी 8वें वेतन आयोग में भी अपनाया जा सकता है।

फिटमेंट फैक्टर क्या होता है?

फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा गुणक होता है जो पुराने वेतन को नए वेतन ढांचे में परिवर्तित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों के वेतन को समय-समय पर बदलती महंगाई और जीवन-यापन की लागत के अनुसार समायोजित करना होता है। यही कारण है कि हर वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर की भूमिका केंद्रीय होती है।

दिल्ली और बिहार समेत ये राज्य युवाओं को प्रशिक्षण देने में पीछे हैं; कोई परिषद स्थापित नहीं की गई