बिहार में 15 दिन में 7वां पुल गिरा, एमपी में बना पुल, कई गांवों का संपर्क टूटा

बिहार ब्रिज ढहना: बिहार में पुल टूटने का सिलसिला जारी है. जहां पहले छह पुल ढह चुके हैं वहीं आज एक और 35 साल पुराना पुल ढह गया है. 15 दिनों के अंदर बिहार में यह सातवां पुल ढहने की घटना है। 

 

 

35 साल पुराना पुल ढह गया

आज (3 जुलाई) महराजगंज के देवरिया गांव के पास गंडकी नदी पर बना पुल ढह गया. जिससे आसपास के गांवों का संपर्क टूट गया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. अभी 10 दिन पहले ही एक पुल ढह गया था. आज 35 साल पुराना पुल एक बार फिर ढह गया है. स्थानीय लोगों के मुताबिक, पुल की एक बार भी मरम्मत नहीं की गई, जिसके कारण पुल ढह गया. 

मिट्टी कटाव के कारण पुल ढह गया

स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि पिछला पुल ढहने का कारण भी मिट्टी का अत्यधिक कटाव था। यह पुल भी मिट्टी कटाव के कारण ढह गया है. कुछ लोगों ने इसकी शिकायत स्थानीय अधिकारियों से की, लेकिन इसे हल्के में लिया गया. मौके पर देवरिया पंचायत के मुखिया और स्थानीय सीओ पहुंच गये हैं. इस पुल का निर्माण 1998 में तत्कालीन सांसद प्रभुनाथ सिंह ने 6 लाख रुपये की लागत से कराया था. इसके अलावा, 2004 में 10 लाख रुपये की लागत से एक और पुल (धामी नदी पर) का निर्माण किया गया था।

इससे पहले गंडक नहर पर बना पुल ध्वस्त हो गया था

गौरतलब है कि सीवान में गंडक नहर पर पूर्व में बना पुल 22 जून को अचानक ध्वस्त हो गया था. पहले पुल का एक खंभा गिरा और कुछ ही मिनटों में अको पुल पानी में समा गया. घटना दारौंदा प्रखंड के रमगढ़ा पंचायत की है. पटेढ़ा व गरौली गांव के बीच गंडक नहर पर बना पुल भी काफी पुराना था.