लोकसभा चुनाव : राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर क्षेत्र में 76.24 प्रतिशत हुए मतदान

रायपुर, 27 अप्रैल (हि.स.)। छत्तीसगढ़ में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डाॅ. रीना बाबा साहेब कंगाले ने आज शनिवार को राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर में मतदान के अंतिम आंकड़े जारी किए हैं।

तीनों क्षेत्रों में औसतन 76.24 प्रतिशत वोटिंग हुई है। यह पिछले साल के मुकाबले लगभग एक से डेढ़ प्रतिशत तक ज्यादा है। वोटिंग में सर्वाधिक वृद्धि कांकेर में हुई है, जबकि महासमुंद में सबसे कम है। जारी आंकड़ों के मुताबिक राजनांदगांव लोकसभा में 77.47 प्रतिशत वोट, महासमुंद लोकसभा में 75.02 प्रतिशत वोट, कांकेर लोकसभा में 76.23 प्रतिशत मतदान हुए।

राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले आम चुनाव की तुलना में इस बार मतदाताओं की संख्या 1 लाख 52 हजार बढ़ गई। लेकिन बूथ तक पहुंचे लोगों की संख्या कितनी बढ़ी-घटी, इसे भी आंकड़ों से ही जानिए। पिछले चुनाव में इस सीट पर 13 लाख 4 हजार (76.04 प्रतिशत) लोगों ने वोट दिया था। इस बार 14 लाख 46 हजार (77.42 प्रतिशत) लोगों ने वोट दिया। अर्थात, वोट देने वाले लोगों की संख्या 1 लाख 41 हजार ही बढ़ी। इस तरह, पांच साल में जितने मतदाता बढ़े, उनमें से 11 हजार कम लोगों ने वोट किया।

महासमुंद लोकसभा क्षेत्र में निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार मतदाताओं की संख्या 1 लाख 25 हजार बढ़ गई। लेकिन बूथ तक पहुंचे लोगों की संख्या कितनी बढ़ी-घटी, इसे भी आंकड़ों से ही जानिए। पिछले चुनाव में इस सीट पर 12 लाख 19 हजार (74.51 प्रतिशत) लोगों ने वोट दिया था। इस बार 13 लाख 22 हजार (75.02 प्रतिशत) लोगों ने वोट दिया। अर्थात, वोट देने वाले लोगों की संख्या 1 लाख 02 हजार ही बढ़ी। इस तरह, पांच साल में जितने मतदाता बढ़े, उनमें से इस सीट पर 23 हजार कम लोगों ने वोट किया।

कांकेर लोकसभा क्षेत्र में निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले आम चुनाव की तुलना में इस बार मतदाताओं की संख्या 99 हजार बढ़ गई। बूथ तक पहुंचे लोगों की संख्या कितनी बढ़ी-घटी, इसे भी आंकड़ों से ही जानिए। पिछले चुनाव में इस सीट पर 11 लाख 54 हजार (74.27 प्रतिशत) लोगों ने वोट दिया था। इस बार 12 लाख 61 हजार (76.23 प्रतिशत) लोगों ने वोट दिया। अर्थात, वोट देने वाले लोगों की संख्या 1 लाख 06 हजार बढ़ गई। तीसरे चरण में केवल कांकेर ही ऐसी सीट है, जिसमें पांच साल में जितने मतदाता बढ़े, उसकी तुलना में इस बार करीब 6 हजार ज्यादा लोगों ने मतदान कर दिया।