मच्छरों द्वारा फैलने वाला मलेरिया हर साल दुनिया भर में लगभग 608,000 लोगों की जान ले लेता है। इस बीमारी के खिलाफ अब एक नई उम्मीद जगी है, क्योंकि हाल ही में एक छोटे से क्लिनिकल ट्रायल में पाया गया है कि मलेरिया से बचाव के लिए एक नया टीका कारगर और सुरक्षित साबित हुआ है।
इस वैक्सीनेशन के लिए ‘GA2’ नामक आनुवंशिक रूप से संशोधित प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम परजीवी का इस्तेमाल किया गया है। नीदरलैंड के लीडेन यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर और रेडबौड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस ट्रायल के नतीजों से यह साबित हो गया है कि यह वैक्सीन मलेरिया से लड़ने में काफी कारगर हो सकती है और मलेरिया से सुरक्षा प्रदान कर सकती है।
क्लिनिकल परीक्षण के परिणाम
अध्ययन में 25 स्वस्थ वयस्कों को शामिल किया गया, जिनमें से कोई भी पहले मलेरिया से संक्रमित नहीं हुआ था। प्रतिभागियों को आनुवंशिक रूप से संशोधित पी. फाल्सीपेरम परजीवी (GA2) के साथ टीका दिया गया, जिसे यकृत में लंबे समय तक विकसित होने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस परीक्षण के दौरान, 10 प्रतिभागियों को Ga2 समूह में, 10 को Ga1 समूह में और 5 को प्लेसीबो समूह में रखा गया। तीनों समूहों को 28-दिन के अंतराल पर तीन बार टीका लगाया गया।
इसके बाद, GA2 और GA1 समूहों के प्रतिभागियों को पी. फाल्सीपेरम परजीवी से संक्रमित मच्छरों के संपर्क में लाया गया, जबकि प्लेसीबो समूह के प्रतिभागियों को असंक्रमित मच्छरों के संपर्क में लाया गया। अंत में, सभी प्रतिभागियों को नियंत्रित मलेरिया संक्रमण के संपर्क में लाया गया ताकि यह देखा जा सके कि टीका कितनी सुरक्षा प्रदान करता है।
वैक्सीन की प्रभावशीलता
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित इस अध्ययन के परिणामों में पाया गया कि GA2 समूह के 89% प्रतिभागियों को मलेरिया से सुरक्षा मिली। GA1 समूह के केवल 13% प्रतिभागियों को सुरक्षा मिली, और प्लेसीबो समूह में किसी को भी सुरक्षा नहीं मिली। इससे यह स्पष्ट होता है कि GA2 वैक्सीन मलेरिया के खिलाफ उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान करती है।
सुरक्षित और प्रभावी टीकाकरण
इस वैक्सीन की खास बात यह है कि टीकाकरण के बाद GA2 समूह के किसी भी प्रतिभागी को मलेरिया नहीं हुआ, जिससे यह साबित होता है कि यह वैक्सीन न केवल प्रभावी है बल्कि सुरक्षित भी है। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि GA2 समूह के प्रतिभागियों में एक मजबूत प्रो-इंफ्लेमेटरी प्रतिक्रिया थी, जिसने इस टीकाकरण की सुरक्षा को और मजबूत किया। इसके अलावा, GA2 और GA1 दोनों समूहों ने एंटीबॉडी के समान स्तर का उत्पादन किया, लेकिन GA2 ने अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की, जो काफी हद तक सेलुलर प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया के कारण थी।
आने वाले समय के लिए आशा
यह परीक्षण मलेरिया के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। अगर भविष्य में बड़े परीक्षणों में वैक्सीन की प्रभावशीलता की पुष्टि होती है, तो यह मलेरिया के उपचार और रोकथाम में एक महत्वपूर्ण उपकरण बन सकता है। यह नया टीका मलेरिया जैसी घातक बीमारी को रोकने के लिए एक बड़ी उम्मीद के रूप में उभरा है और यह वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली में मलेरिया के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है।