हाई स्पीड ट्रेन चलाने के लिए जालंधर-अमृतसर ट्रैक पर 60 गेज लाइन बिछाई जाएगी, पिछले दो सप्ताह से स्टेशन पर यार्ड में काम चल रहा

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जालंधर: अमृतसर-जालंधर के बीच 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए 60 गेज की रेलवे लाइन बिछाई जा रही है। इसका काम पिछले दो सप्ताह से स्टेशन और रेलवे यार्ड पर चल रहा है। लुधियाना में रेलवे ट्रैक बदल दिया गया है. रेलवे सूत्रों के अनुसार उक्त ट्रैक को बदलने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. फिलहाल, जालंधर सिटी स्टेशन पर 52 गेज रेलवे ट्रैक पर ट्रेनें दौड़ रही हैं। गौरतलब है कि 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की योजना काफी समय से चल रही थी, लेकिन मौजूदा रेलवे ट्रैक हाई-स्पीड ट्रेन चलाने के लिए उपयुक्त नहीं होने के कारण दिक्कतें आ रही थीं। इस समस्या को दूर करने के लिए 60 गेज की रेलवे लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया है. रेलवे बड़ौदा हाउस के रेल प्रबंधक एवं मुख्य अभियंता स्तर के रेलवे अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया है. उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही काम शुरू किया जा रहा है। चालू वर्ष की शुरुआत में रेलवे अधिकारियों द्वारा विंडो निरीक्षण भी किया गया था जिसके बाद 60 गेज रेलवे लाइन बिछाने की योजना बनाई गई थी. इसी के तहत पिछले अप्रैल में सिटी रेलवे स्टेशन पर वाशेवल एप्रन को तोड़कर कच्चा ट्रैक बना दिया गया है और अब 52 गेज लाइन को 60 गेज लाइन में बदला जा रहा है.

फिलहाल पूरे भारत में 110 किमी, 160 किमी की रफ्तार से ट्रेनें चलेंगी

जालंधर-अमृतसर के बीच 60 गेज लाइन पूरी होने पर वंदे भारत 160 किमी की रफ्तार से चलने वाली पहली ट्रेन होगी, लेकिन शुरुआत में इसकी गति 130 किमी प्रति घंटा रखी जाएगी। फिलहाल उक्त योजना के तहत राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस आदि 130 किमी की रफ्तार से ही चल रही हैं। जब लुधियाना से जालंधर और अमृतसर के बीच 60 गेज लाइन पूरी हो जाएगी तो शताब्दी और वंदे भारत एक्सप्रेस 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी। ऐसा होने से जालंधर-अमृतसर का सफर सिर्फ 40 मिनट का रह जाएगा।

सिटी स्टेशन के 18 कांटे बदले गए

जालंधर के रेलवे ट्रैक को 60 गेज का बनाने और उस पर हाई स्पीड ट्रेनें चलाने के लिए रेलवे यार्ड में 18 कांटे बदले जाते हैं। बाकी कांटों को बदलने का काम तेजी से चल रहा है।