राजस्थान के श्रीगंगानगर से जयपुर के बीच बनेगा 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, दूरी और समय में होगी भारी कटौती

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राजस्थान की जनता को तेज और सुगम यातायात उपलब्ध कराने के लिए 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना श्रीगंगानगर से जयपुर के बीच यात्रा को न केवल आसान बनाएगी, बल्कि 60 किलोमीटर की दूरी कम कर देगी। इस एक्सप्रेसवे से सफर में 3 घंटे तक की बचत होगी और ईंधन की खपत भी घटेगी।

क्या है ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट?

  • मार्ग:
    यह एक्सप्रेसवे श्रीगंगानगर से कोटपूतली तक बनाया जाएगा।

    • श्रीगंगानगर से शुरुआत:
      रीको इंडस्ट्रियल एरिया बायपास से।
    • कोटपूतली में समाप्त:
      मंडलाना-नारनौल बायपास से जुड़कर।
  • समय की बचत:
    • श्रीगंगानगर से जयपुर तक का सफर 8 घंटे से घटकर 5 घंटे का रह जाएगा।
    • कुल दूरी 407 किलोमीटर होगी, जिसे 5 घंटे में पूरा किया जा सकेगा।
  • डिज़ाइन:
    6-लेन का यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह से ग्रीनफील्ड परियोजना होगी।

प्रोजेक्ट की लागत और बजट

  • कुल लागत:
    इस प्रोजेक्ट पर ₹12,049 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
  • जमीन अधिग्रहण:
    इसके लिए 2,700 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
  • डीपीआर तैयार:
    ₹30 करोड़ की लागत से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) का काम शुरू हो गया है।

परियोजना के फायदे

  1. समय और ईंधन की बचत:
    • दूरी कम होने से यात्रा का समय घटेगा।
    • ईंधन की खपत में कमी आएगी, जिससे पर्यावरण को भी फायदा होगा।
  2. आर्थिक विकास:
    • जिप्सम, खाद्य तेल, कृषि उत्पाद और ग्रेनाइट पत्थर जैसे सामानों की ढुलाई तेज और सस्ती होगी।
    • क्षेत्र के औद्योगिक और कृषि विकास को गति मिलेगी।
  3. कनेक्टिविटी में सुधार:
    • यह मार्ग जामनगर इकोनॉमिक कॉरिडोर और दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा।
    • राजस्थान के कई जिलों के व्यापारिक और औद्योगिक केंद्रों को कनेक्ट करेगा।
  4. नए रोजगार के अवसर:
    • निर्माण और संचालन के दौरान स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

रूट का विवरण

यह एक्सप्रेसवे राजस्थान के कई प्रमुख स्थानों से होकर गुजरेगा।

  1. श्रीगंगानगर से शुरुआत:
    • रीको इंडस्ट्रियल एरिया बायपास।
  2. कोटपूतली में समाप्त:
    • मंडलाना-नारनौल बायपास।
  3. प्रमुख स्थान:
    • रावतसर, नोहर, भादरा, सादुलपुर, पिलानी, सूरजगढ़, बुहाना, नारनौल, और कोटपूतली।

कैसे बदलेगा श्रीगंगानगर से जयपुर का सफर?

  • दूरी में कमी:
    • श्रीगंगानगर और जयपुर के बीच की दूरी 60 किलोमीटर कम हो जाएगी।
  • समय में कटौती:
    • 8 घंटे का सफर 5 घंटे में पूरा होगा।
  • सुविधा में सुधार:
    • तेज गति के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा।

सरकार का दृष्टिकोण और प्रगति

  • बजट घोषणा:
    राजस्थान की वित्त मंत्री दिया कुमारी ने बजट में इस परियोजना की घोषणा की।
  • केंद्र और राज्य का सहयोग:
    इस परियोजना में राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार मिलकर काम कर रहे हैं।
  • डिजिटल रिपोर्टिंग:
    डीपीआर तैयार होने के बाद जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा।

औद्योगिक और कृषि परिवहन को मिलेगा बढ़ावा

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से क्षेत्र में औद्योगिक और कृषि परिवहन में बड़ा सुधार होगा।

  • उद्योगों को लाभ:
    • श्रीगंगानगर और झुंझुनूं क्षेत्र के ग्रेनाइट पत्थर की तेजी से ढुलाई होगी।
    • कृषि उत्पादों जैसे खाद्य तेल और जिप्सम के परिवहन में आसानी होगी।
  • व्यापार के नए अवसर:
    • यह एक्सप्रेसवे राजस्थान को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगा।