ताइवान के दक्षिणी इलाके में देर रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.4 दर्ज की गई। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (US Geological Survey) के अनुसार, यह झटके स्थानीय समयानुसार रात 12:17 बजे आए। भूकंप का केंद्र ताइवान के युजिंग से 12 किलोमीटर उत्तर में स्थित था।
भूकंप से प्रभावित इलाका और नुकसान
27 लोग घायल, कई मकान ध्वस्त
भूकंप के तेज झटकों के कारण 27 लोग घायल हो गए, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है। अग्निशमन विभाग के मुताबिक, घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। भूकंप से एक पुल भी ढह गया, और कई मकान जमींदोज हो गए। फिलहाल जानमाल के बड़े नुकसान की खबर सामने नहीं आई है, लेकिन बचाव दल नुकसान के आकलन में जुटा हुआ है।
स्थानीय अधिकारियों की प्रतिक्रिया
ताइवान के अग्निशमन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राहत और बचाव कार्य शुरू किया। प्रभावित इलाकों में मदद पहुंचाने के लिए टीमें सक्रिय हैं।
ताइवान: भूकंप के प्रति संवेदनशील क्षेत्र
प्रशांत महासागर का ‘रिंग ऑफ फायर’
ताइवान, प्रशांत महासागर के ‘रिंग ऑफ फायर’ पर स्थित है, जो इसे भूकंप के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बनाता है। यह क्षेत्र दो टेक्टोनिक प्लेटों के संगम पर स्थित है, जिससे यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं।
पिछले भूकंप और उनका प्रभाव
- 2016: इस साल आए भूकंप में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
- 1999: 7.3 तीव्रता के भूकंप ने 2,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी और बड़े पैमाने पर विनाश हुआ था।
भूकंप क्यों आते हैं?
टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल
भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार, भूकंप की मुख्य वजह टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल है। प्लेटों के खिसकने या टकराने से धरती के अंदर संचित ऊर्जा बाहर निकलती है, जिससे भूकंप के झटके महसूस होते हैं।
अन्य कारण
- ज्वालामुखी विस्फोट: ज्वालामुखी के फटने से भी भूकंप उत्पन्न हो सकता है।
- उल्का प्रभाव: बड़े उल्का पिंड के धरती से टकराने पर भी भूकंप हो सकता है।
- माइन और न्यूक्लियर टेस्टिंग: खनन और परमाणु परीक्षण भी धरती की सतह को प्रभावित कर सकते हैं।
भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है?
रिक्टर स्केल
भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का उपयोग किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल भी कहा जाता है।
मापने का तरीका
- रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 के पैमाने पर मापा जाता है।
- भूकंप के केंद्र (एपीसेंटर) से उत्पन्न ऊर्जा को मापकर इसकी तीव्रता तय की जाती है।
- 2.0-3.0: हल्का भूकंप।
- 6.0 और अधिक: शक्तिशाली भूकंप, जिससे बड़ा नुकसान हो सकता है।
भूकंप की भयावहता का अंदाजा
रिक्टर स्केल पर मापी गई ऊर्जा से ही पता चलता है कि भूकंप कितना विनाशकारी हो सकता है। तीव्रता जितनी अधिक होगी, नुकसान का खतरा भी उतना ही बढ़ जाता है।