नई दिल्ली, 15 जून (हि.स.)। बाल मजदूरी की रोकथाम के लिए सख्त कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन ( बचपन बचाओ आंदोलन) के साथ मिलकर मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में शराब बनाने की एक नामी फैक्टरी पर छापे की कार्रवाई में 58 बाल मजदूरों को मुक्त कराया।
बचपन बचाओ आंदोलन की सूचना पर एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो की अगुवाई में ‘सोम डिस्टिलरी’ पर मारे गए इस छापे में मुक्त कराए गए बच्चों में 19 लड़कियां और 39 लड़के हैं। इस मामले में कानूनी कार्रवाई जारी है और मुक्त कराए गए बच्चों को सुरक्षित जगह भेज दिया गया है।
बच्चों को मुक्त कराने की इस कार्रवाई पर संतोष जाहिर करते हुए बचपन बचाओ आंदोलन के निदेशक मनीष शर्मा जो कि छापामार टीम में भी शामिल थे, उन्होंने कहा, “अल्कोहल और रसायनों की दुर्गंध हम जैसे वयस्कों के लिए भी असहनीय है। कल्पना ही की जा सकती है कि ये बच्चे इन स्थितियों में कैसे रोजाना इतने घंटे काम कर रहे थे। हम इस डिस्टिलरी के मालिकों के खिलाफ बहुत सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं ताकि यह दूसरों के लिए भी एक उदाहरण साबित हो सके। हम ऐसी भयावह स्थितियों में काम करने वाले बच्चों को मुक्त कराने का अपना अभियान जारी रखेंगे, लेकिन देश को बाल मजदूरी के खिलाफ कड़े कानूनों और इसके खिलाफ निगरानी बढ़ाने की जरूरत है। सरकार से हमारी अपील है कि वह बच्चों की ट्रैफिकिंग और बाल मजदूरी को रोकने के लिए कड़े से कड़े कदम उठाएं ताकि बच्चों के साथ इस अन्याय और अत्याचार को रोका जा सके।”
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 14 जून को एनसीपीसीआर ने आंदोलन की शिकायत पर इसी जिले के मंडीदीप कस्बे में छापे की कार्रवाई में 25 लड़कियों सहित कुल 36 बाल मजदूरों को मुक्त कराया था। एनसीपीसीआर ने जून को ‘एक्शन मंथ’ घोषित कर रखा है और पूरे देश में बच्चों की ट्रैफिकिंग और उन्हें बाल मजदूरी से मुक्त कराने के इस अभियान में आंदोलन उसका सहयोग कर रहा है।