भारत सरकार ने अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए एशियाई विकास बैंक (ADB) के साथ 50 करोड़ डॉलर (लगभग ₹4,250 करोड़) के कर्ज समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह कर्ज इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (IIFCL) को गारंटी के साथ प्रदान किया जाएगा।
लोन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर
- समझौते पर हस्ताक्षर:
23 दिसंबर को वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी और ADB के डायरेक्टर (भारत) मियो ओका ने हस्ताक्षर किए। - मियो ओका का बयान:
- ADB की यह फाइनेंसिंग IIFCL को दीर्घकालिक पूंजी जुटाने में मदद करेगी।
- इससे ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव, शहरी विकास परियोजनाओं, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में हरित और टिकाऊ इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रोत्साहन मिलेगा।
- ADB और IIFCL की साझेदारी:
- मियो ओका ने कहा कि ADB वर्षों से IIFCL के साथ मिलकर उसके ऑपरेशन और रिस्क मैनेजमेंट क्षमताओं को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है।
एशियाई विकास बैंक (ADB) का परिचय
- स्थापना: 1966।
- मुख्यालय: मनीला, फिलीपींस।
- सदस्य देश: 69, जिनमें से 49 एशिया-प्रशांत क्षेत्र से हैं और 20 अन्य क्षेत्रों से।
ADB का उद्देश्य:
- सतत आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना।
- समावेशी विकास और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना।
- गरीबी उन्मूलन और जीवन की गुणवत्ता में सुधार।
- पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करना।
IIFCL के लिए फंडिंग का महत्व
- IIFCL, हरित एवं टिकाऊ परियोजनाओं के लिए दीर्घकालिक वित्तीय सहायता प्रदान करने वाला एक प्रमुख सरकारी उद्यम है।
- ADB का यह कर्ज IIFCL को ऊर्जा, शहरी विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े बुनियादी ढांचा प्रोजेक्ट्स को मजबूत करने में मदद करेगा।
ADB का क्षेत्रीय महत्व
ADB, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सदस्य देशों को कर्ज प्रदान करता है।
- इसका लक्ष्य क्षेत्रीय सहयोग और सतत विकास को बढ़ावा देना है।
- ADB, इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के माध्यम से गरीबी उन्मूलन और पर्यावरणीय सुधार पर विशेष ध्यान देता है।