भारत की इन पांच धरोहरों को जरूर देखें
1. चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व पार्क, गुजरात
यह पुरातात्विक पार्क गुजरात के पंचमहल पहाड़ों के पास मौजूद है जो यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है। यहां आपको इतिहास और कला का अनोखा संगम देखने को मिलेगा। इसके साथ ही यहां आपको हिंदू और मुस्लिम वास्तुकला की झलक मिलेगी, जिसका सबसे अच्छा उदाहरण यहां मौजूद जामा मस्जिद है। यह गुजरात की सबसे बड़ी मस्जिद है। यहां आप पावागढ़ की पहाड़ियों से वडोदरा का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं।
2. कोच्चि, एर्नाकुलम में मट्टनचेरी पैलेस
केरल के मट्टनचेरी पैलेस को डच पैलेस भी कहा जाता है । यहां के घर केरल और यूरोप की वास्तुकला के अनुसार बनाए गए हैं। मट्टनचेरी के बाजार में आपको करेल के प्रामाणिक भोजन का स्वाद लेने का मौका मिलेगा, जिनमें से अप्पम और मछली करी सबसे लोकप्रिय हैं।
3. शेख चिल्ली का मकबरा, हरियाणा
हरियाणा के कुरूक्षेत्र जिले में स्थित शेख चिल्ली का यह मकबरा विश्व धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह मकबरा पारसी वास्तुकला के अनुसार बनाया गया है। यहां हर धर्म के लोग प्रार्थना करने आते हैं। विश्व धरोहर में शामिल होने के कारण इस मकबरे की विशेष देखभाल की जाती है। यहां के स्थानीय बाजार में आपको घर की सजावट के लिए कई चीजें मिल जाएंगी।
4. पट्टाडाकल्लू, कर्नाटक
मालाप्रभा नदी के तट पर स्थित यह विश्व धरोहर स्थल चालुक्य साम्राज्य का है। इसे रक्तपुरा भी कहा जाता है, यह कर्नाटक के बागलकोट जिले में स्थित है। यह विभिन्न स्मारकों का एक समूह है जो अपने पुरातात्विक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहां के ऐतिहासिक स्मारकों में नौ हिंदू और एक जैन मंदिर हैं।
5. काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर, तेलंगाना
काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर तेलंगाना की विश्व विरासत सूची में शामिल एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर तारे के आकार में बना हुआ एक भव्य मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में काकतीय राजा रुद्रदेव ने करवाया था। इस मंदिर में एक हजार खंभे हैं इसलिए इसे हजार खंभों वाला मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर की खास बात यह है कि इसे बनाने में इस्तेमाल किए गए पत्थर पानी में नहीं डूबते।