5 साल में मोदी के दोबारा पीएम बनने पर उनके सामने 5 बड़ी चुनौतियां, बहुमत खोने के बाद अब सहयोगियों पर निर्भर

लोकसभा चुनाव 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे घोषित हो गए हैं. जिसमें बीजेपी को 400 के पार जाने की उम्मीद थी लेकिन वह 250 तक भी नहीं पहुंच पाई. हालांकि सहयोगी पार्टी यानी एनडीए 543 में से 293 सीटें जीतने में सफल रही है, देश में एक बार फिर मोदी सरकार बनने जा रही है. हालांकि, इस बार बीजेपी के पास बहुमत नहीं है. ऐसे में सरकार एनडीए की मदद से बनेगी और बीजेपी को कोई भी बड़ा फैसला लेते समय अपने सहयोगियों का भी ध्यान रखना होगा. तो फिर अगले 5 सालों में प्रधानमंत्री मोदी के सामने कौन सी 5 बड़ी चुनौतियां हैं?

• पहली चुनौती

पूर्ण बहुमत के अभाव में सहयोगियों को प्राथमिकता देनी होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपने सहयोगियों को एकजुट रखना बड़ी चुनौती होगी. अब सरकार को कानूनों और बिलों में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नाडुय का भी ख्याल रखना होगा.

• एक और चुनौती

एक बात तो सभी जानते हैं कि बीजेपी के दोनों सहयोगी नीतीश और नायडू कभी भी प्राथमिक मुद्दों पर एकमत नहीं रहे हैं. दोनों नेता कीमत वसूलने में माहिर हैं. अब बजट से लेकर राज्य को मोदी सरकार से कुछ और की उम्मीद होगी. अब विशेष राज्य का मुद्दा बड़ा हो जायेगा. दोनों नेता पहले से ही बिहार और आंध्र प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे हैं.

• तीसरी चुनौती

बीजेपी और उसके सहयोगियों के बीच कई मुद्दों पर वैचारिक मतभेद हैं. अब यही वजह है कि मोदी सरकार को कॉमन सिविल कोड पर धीरे-धीरे आगे बढ़ना पड़ सकता है. 3-63 सीटों के इस झटके के बाद अब बीजेपी को पार्टी संगठन में बदलाव के बारे में सोचना होगा. आने वाले दिनों में पार्टी फिर से नए सिरे से शुरुआत के मूड में नजर आ सकती है.

• चौथी चुनौती

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने विजय भाषण में संकेत दिया कि उनकी सरकार बड़े फैसले लेगी. लेकिन ये 5 साल मोदी मैजिक की खोई हुई चमक वापस लाने का भी समय होगा, जिसके लिए मोदी सरकार को अपनी नीतियों को मजबूत करना होगा।

• पांचवी चुनौती

आने वाले दिनों में महाराष्ट्र, दिल्ली और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं. अब बीजेपी पर तीनों राज्यों में बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव होगा. दिल्ली के अलावा दो अन्य राज्यों में लोकसभा चुनाव के नतीजों ने पार्टी की टेंशन बढ़ा दी है. भले ही दिल्ली में आम आदमी पार्टी का सफाया हो गया हो, लेकिन ये भी सच है कि विधानसभा चुनावों में उसने हमेशा जोरदार वापसी की है. ऐसे में बीजेपी को इस पर भी ध्यान देना होगा.