देश के टॉप आईआईटी संस्थानों के 40% छात्र बेरोजगार, नौकरी में करोड़ों का पैकेज तीन लाख तक पहुंचा

आईआईटी बॉम्बे प्लेसमेंट : ग्लोबल आईआईटी एलुमनी सपोर्ट ग्रुप (ग्लोबल आईआईटी एलुमनी सपोर्ट ग्रुप) के धीरज सिंह ने देश के शीर्ष आईआईटी में पढ़ने वाले छात्रों के प्लेसमेंट के बारे में महत्वपूर्ण डेटा साझा किया है। इसके मुताबिक, विभिन्न आईआईटी में प्लेसमेंट का पहला चरण समाप्त हो चुका है, हालांकि 35 से 40 फीसदी छात्रों को अभी भी नौकरी नहीं मिल पाई है.

केवल आईआईटी छात्रों के लिए 3 से 4 लाख सालाना पैकेज

पहले आईआईटी छात्रों को करोड़ों के ऑफर मिलते थे, लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल विभिन्न आईआईटी संस्थानों में चल रहे प्लेसमेंट के तहत छात्रों को सिर्फ तीन से चार लाख सालाना का पैकेज मिल रहा है। धीरज सिंह ने कहा कि एक तरफ देश में अरबपतियों की संख्या बढ़ रही है, दूसरी तरफ पैकेज कम हो गया है, जिससे आईआईटी के छात्र निराश हैं. इसके अलावा देश की शीर्ष युवा प्रतिभाओं के लिए यह बेहद निराशाजनक स्थिति है.

देश के शीर्ष आईआईटी की रैंकिंग

उन्होंने कहा कि देश के नंबर 1 आईआईटी मद्रास में 900 छात्र नौकरी का इंतजार कर रहे हैं, जबकि नंबर 2 आईआईटी दिल्ली में प्लेसमेंट के तहत पंजीकृत 2000 में से 900 छात्र, नंबर 3 आईआईटी बॉम्बे में पंजीकृत 2400 में से 1300 छात्र अभी भी बेरोजगार हैं। आंकड़ों के मुताबिक चौथे स्थान पर रहे आईआईटी कानपुर में 500 और पांचवें स्थान पर रहे आईआईटी खड़गपुर में 1385 छात्र नौकरी का इंतजार कर रहे हैं. जबकि आईआईटी इंदौर के 49 फीसदी, आईआईटी पटना के 41 फीसदी और आईआईटी भिलाई के 63 फीसदी छात्र अभी भी बेरोजगार हैं.

आईआईटी बॉम्बे के 36 फीसदी छात्र बेरोजगार हैं

आईआईटी बॉम्बे में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग ब्रांच की सबसे ज्यादा डिमांड है और हर साल ब्रांच के स्टूडेंट्स को 100 फीसदी प्लेसमेंट मिलता है, हालांकि इस साल 36 फीसदी स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट नहीं मिला। पिछले साल आईआईटी बॉम्बे में प्लेसमेंट के तहत कुल 2209 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिनमें से 1485 छात्रों को नौकरी मिली। बता दें कि देश में आईआईटी के तहत कई संस्थानों में प्लेसमेंट प्रक्रिया चल रही है, जिसमें देश-विदेश की नामी-गिरामी कंपनियां हिस्सा ले रही हैं. साथ ही प्लेसमेंट प्रक्रिया मई-2024 तक चल रही है, इसलिए उम्मीद है कि अन्य छात्रों को भी नौकरी के ऑफर मिलेंगे।