किसानों को बागवानी में उन्नत प्रशिक्षण और मार्गदर्शन के लिए राज्य में 4 नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे

-अमरेली, दाहोद, बनासकांठा और गांधीनगर जिलों में कुल रु. 40 करोड़ की लागत से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाएंगे

अहमदाबाद, 12 जुलाई (हि.स.)। फलों, सब्जियों, मसालों और फूलों जैसी बागवानी फसलों की खेती से अधिक उत्पादन और आय होती है, इसलिए राज्य में किसानों का बागवानी के प्रति रुझान बढ़ा है। पिछले कुछ वर्षों में राज्य में बागवानी फसलों के रोपण में वृद्धि हुई है। बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ बागवानी उत्पादों की मांग भी बढ़ी है। बागवानी उत्पादों की मांग को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेन्द्रभाई पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा बागवानी फसलों का क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं।

कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने कहा कि राज्य सरकार ने बागवानी फसलें लगाने और बागवानी में आधुनिक तरीकों को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बागवानी में सफलता के लिए उन्नत तरीकों, तकनीकों और उत्पादन कौशल की आवश्यकता होती है। राज्य सरकार ने राज्य के किसानों को बागवानी के उन्नत तरीकों पर प्रशिक्षित करने और उचित मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए गांधीनगर, अमरेली, बनासकांठा और दाहोद जिलों में नए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए राज्य सरकार ने कुल आगामी 3 साल के लिए प्रति सेंटर 10 करोड़ रुपये मिलाकर कुल 40 करोड़ की राशि आवंटित की है।

मंत्री ने कहा कि बागवानी फसलों की खेती करने वाले किसानों को इस उत्कृष्टता केंद्र से लाभ होगा और अन्य किसानों को भी बागवानी करने के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन मिलेगा। इस प्रकार राज्य में उद्यानिकी विभाग द्वारा कुल 17 उत्कृष्टता केन्द्र संचालित किये जायेंगे। नए उत्कृष्टता केंद्र को और आधुनिक बनाया जाएगा। मंत्री ने कहा कि इन केन्द्रों में सब्जी, फल और मसाला फसलों का प्रौद्योगिकी आधारित प्रदर्शन, आधुनिक नर्सरी, फसल नर्सरी, संरक्षित खेती प्रदर्शन, प्रशिक्षण केंद्र, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली, जल संचयन संरचनाएं, एकीकृत पैक हाउस और भंडारण प्रणाली जैसी सुविधाएं बनाई जाएंगी।

उल्लेखनीय है कि राज्य में उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित उत्कृष्टता केन्द्र में उच्च गुणवत्ता वाली सब्जियों की पौध एवं फलदार फसलों की कलमें तैयार कर किसानों को नाममात्र दर पर प्रदान की जाती हैं। इसके साथ ही, किसानों को संरक्षित खेती, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली, प्लास्टिक मल्चिंग, हाई-टेक/प्लग नर्सरी, सघन रोपण, नवीकरण और कटाई के बाद के प्रबंधन जैसी देश और विदेश की नवीन तकनीकों के लाइव प्रदर्शन के माध्यम से भी मार्गदर्शन किया जाता है। उत्कृष्टता केंद्र युवा पीढ़ी और भूमिहीन कृषि श्रमिकों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने में भी सफल हैं।