अंकलेश्वर, 03 दिसंबर (हि.स.)। अंकलेश्वर जीआईडीसी के डेटोक्स इंडिया कंपनी में सोमवार को हुए धमाके में 4 श्रमिकों की मौत हो गई। वहीं 4 अन्य श्रमिक घायल हो गए। कंपनी के 10-12 कर्मचारी अब भी लापता हैं। हादसे में एक श्रमिक का शव कंपनी के बाहर मिला। बताया गया कि ब्लास्ट के बाद श्रमिक का शव उछलकर कंपनी के बाहर आ गया था। दुर्घटना के बाद कर्मचारियों ने कंपनी प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया।
पुलिस के अनुसार, मृतकों के नाम पोलेशराम (33), मुकेश सिंह (33), हरिनाथ यादव और अशोक रामकृष्ण है। घटना के बाद फायर ब्रिगेड, स्थानीय पुलिस और प्रशासन समेत राजनीतिज्ञ पहुंच गए। विधायक चैतन वसावा ने कंपनी संचालक पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि घटना की जानकारी कंपनी प्रबंधन को नहीं थी। प्रबंधन की ओर से घटना के चार-पांच घंटों तक श्रमिकों के परिजनों को कोई जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि सुरक्षा उपायों की अनदेखी की वजह से हादसा हुआ है। उन्होंने कंपनी से सभी मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये की सहायता देने की मांग की है।
दूसरी ओर डेटोक्स इंडिया कंपनी के महाप्रबंधक धर्मेंद्र चौटाला ने बतया कि उनकी कंपनी के पास पंचमूर्ति फेवरिकेटर का कांट्रेक्ट है। उन्होंने उनके 75 केएल की एक फीड टैंक पर हैंडरेलिंग लगाने के काम का परमिट दिया था। यह काम चल रहा था। सोमवार को दिन के करीब 12.40 बजे एक धमाके की आवाज आने के बाद हम सभी वहां तत्काल पहुंचे। यहां टैंक का रूफ यानी डिसेंट 15 से 20 फीट दूर पड़ा हुआ था। दो श्रमिकों का मृतदेह भी वहां पड़ा था। बाद में एक और व्यक्ति का शव टैंक के पीछे से मिला। एक बाउंड्री के बाहर शव मिला। यानी कुल चार लोगों का शव मिला है। कंपनी की ओर से सभी मृतकों के परिजनों को सहायता राशि प्रदान की जाएगी। कंपनी के श्रमिकों ने बताया कि डेटोक्स कंपनी में ब्लास्ट के बाद 10 से 12 लोगों का अभी अता-पता नहीं है।